Click here for Myspace Layouts

Tuesday, May 12, 2009

आईआईएमसी आपके इंतजार में है...

सबसे पहले एक बात जान लीजिए कि आईआईएमसी की प्रवेश परीक्षा कुछ उस तरह का इम्तिहान नहीं जिसका कोई तयशुदा फॉर्मेट या सिलेबस होता हो। किसी गाइड बुक या गेस पेपर के मार्फत आईआईएमसी में एंट्री मार लेने जैसा कोई फॉर्मूला भी काम नहीं आ सकता। बस यूं समझ लें कि आईआईएमसी एंट्रेस पेपर का कोई ओर-छोर नहीं। कहीं से भी कुछ भी पूछा जा सकता है। लेकिन अब ऐसा भी नहीं है कि आईआईएमसी कोई दूर की कौड़ी है। बस जरूरत है कि आप अप-टू-डेट रहें। खबरों की दुनिया से बेखबर ना रहें।

 

पिछले कुछ सालों के आईआईएमसी के पेपर्स के आधार पर सवालों को कुछ भागों में बांटा जा सकता है और फिर उस आधार पर तैयारी को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

 

करेंट अफेयर्स एंट्रेंस पेपर का सबसे अहम हिस्सा होता है और पेपर में सबसे ज्यादा जोर इसी पर होता है। इसलिए हाल-फिलहाल में घटी घटनाओं, दुनिया-जहान की चर्चित शख्सियतों और खबरों के बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। ऐसे भी सवाल हो सकते हैं कि आखिर कोई खास शख्स (नूरा अल फैज) या जगह (किलिनोच्ची) या टर्म (CoBRA) खबरों में क्यों थे? देश-विदेश की राजनीतिक-आर्थिक-कूटनीतिक स्थिति पर भी जोर हो सकता है। भारत के दूसरे देशों के साथ संबंध, दक्षिण एशिया के हालात और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी फोकस किया जा सकता है। इस लिहाज से पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति, 26/11 के बाद भारत-पाक संबंध, भारत-अमेरिका परमाणु करार, ओबामा की विदेश नीति, जी-20 सम्मेलन जैसे मुद्दे काफी अहम हो जाते हैं।

 

पेपर के मार्फत से आपकी क्रिएटिविटी और लिखने के अंदाज को भी देखा जाता है। इस लिहाज से आपके अनुभवों और विचारों को जानने की कोशिश की जाती है। मसलन- आपके एक दिन का रुटीन, परीक्षा-हॉल में आपका हाल, आगजनी-बाढ़ की आंखों देखी, हाल में देखी किसी फिल्म या पढ़ी किताब की समीक्षा आदि के बारे में भी लिखने को कहा जा सकता है। आपके पसंदीदा अखबार, न्यूज चैनल, एंकर, चैट शो, टीवी सीरियल, एडवरटाइजमेंट के बारे में भी पूछा जा सकता है। आप पत्रकारिता में क्यों आना चाहते हैं जैसे सवाल भी आपका पीछा कर सकते हैं। चूंकि इस सेक्शन के सवालों में आपकी निजी राय मांगी जाती है इसलिए जरूरी है कि इस फ्रंट में आप खुलकर और तर्क के साथ लिखें।

 

चूंकि आप आईआईएमसी के मार्फत मीडिया इंडस्ट्री में आना चाहते हैं इसलिए जरूरी है कि मीडिया ट्रेन्ड्स और कल्चर को भी समझें। यही वजह है कि एंट्रेस पेपर में मीडिया से जुड़े सवाल भी खूब दागे जाते हैं। स्टिंग ऑपरेशन के औचित्य से लेकर आरुषि मर्डर केस और 26/11 के दौरान मीडिया की कार्यप्रणाली तक पर सवाल हो सकते हैं। आलोचनात्मक किस्म के सवाल भी हो सकते हैं जैसे कि क्या न्यूज चैनलों पर लगाम लगाने (रेगुलेशन) की जरूरत है या फिर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के माध्यम से क्या चैनलों का स्व-नियमन हो रहा है? इस तरह के सवालों के दोनों पक्ष होते हैं और आपसे एक संतुलित जवाब की उम्मीद की जाती है इसलिए बेहद जरूरी है कि तर्क और उदाहरण के साथ पेश आएं।

 

पिछले साल के एंट्रेस पेपर में देखा देखा गया है कि ट्रांस्लेशन (हिन्दी पत्रकारिता के लिए अनुवाद) और समराइजेशन (अंग्रेजी पत्रकारिता के लिए संक्षेपण) पर भी जोर है। इसलिए इसकी प्रैक्टिस भी जरूरी है।

 

अब एंट्रेस पेपर में बहुत ज्यादा दिन बाकी नहीं है। उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। एक वाक्य में कहें तो जितना पढ़ें उससे कहीं ज्यादा लिखने की प्रैक्टिस करें। तय समय के अंदर एक निश्चित शब्द-सीमा में काफी सारे सवालों के जवाब लिखने होते हैं इसलिए टाइम मैनेजमेंट बहुत बड़ा फैक्टर है। भाषा पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। किसी भी विषय के दोनों पहलुओं के बारे में जानें ताकि एक बायस्ड व्यू की जगह बैलेन्स्ड एप्रोच दिखे। सवालों में आपकी राय भी मांगी जा सकती है या फिर किसी मुद्दे (मसलन- भारत-अमेरिका परमाणु करार) के सकारात्मक-नकारात्मक पहलुओं के बारे में भी बताने को कहा जा सकता है। हर तरह के टेढ़े-मेढ़े सवालों के लिए तैयार रहें। डरें नहीं बेहिचक लिखें...आईआईएमसी तो आपका इंतजार कर रहा है।

 

बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!

 
 
 
संदीप कुमार

sandybaba81@gmail.com

(संदीप आईआईएमसी में हिन्दी पत्रकारिता के 2005-06 बैच के छात्र रहे हैं। इन दिनों आजतक में हैं. इससे पहले स्टार न्यूज में सेवा दे चुके हैं।)

No comments: