पिछले कई दिनों से कई नए छात्र मुझे मेल कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आईआईएमसी की परीक्षा में क्या पूछा जाएगा या फिर अंतिम समय में क्या तैयारी की जाए. मैं सोचने लगता हूं काश उन दिनों में ये प्लेटफॉर्म होता तो कितना अच्छा होता. खैर, ये सब बातें तो बाद में भी होती रहेंगी. आईआईएमसी में प्रवेश परीक्षा और फिर उसके बाद इंटरव्यू. समय कम है और अब तो शायद एक हफ्ते से भी कम समय रह गया है.
देखिए, ये मान के लिए कि समय पास आते-आते ज्यादा चीजों के पीछे भगाने का कोई फायदा नहीं है. क्योंकि आप जितने नए चीजों को जानेंगे उतना अपने आप को कन्फ्जूज्ड पाएंगे. रोज नई घटनाएं हो रही हैं और रोज एक नया विषय हेडलाइन बन जाता है. आखिर आप किस-किस विषय को पढ़ेंगे.
मुझे याद है कि जब भी आईआईएमसी में हिंदी पत्रकारिता के प्रमुख आनंद प्रधान से कोई स्टुडेंट पूछता था कि सर नए चैनल में एक नए स्टुडेंट्स से क्या सवाल पूछे जाएंगे तो उनके चेहरे में गुस्सा साफ देखा जा सकता था. दरअसल, वो हमेशा हमें बताते थे कि भई आप किसी आईआईटी या एमबीबीएस के एग्जाम के लिए तो नहीं जा रहे हो. जहां तुमसे गणित या विज्ञान का कोई अजीब सा फॉर्मूला पूछा जाएगा. आप अगर पत्रकारिता के छात्र हैं तो आपसे उससे जुड़ी चीज ही पूछी जाएगी. ठीक उसी तरह मैं भी यही बात हर उस परीक्षार्थी को समझाता हूं जो मुझसे पूछता है कि क्या पढ़ा जाए और क्या नहीं पढ़ा जाए.
कुछ जरूरी बातें
• पिछले छह महीनों में घटित हुई 20 बड़ी खबरों की लिस्ट बनाइए. राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल और मनोरंजन जगत.
• लिस्ट के सभी मुद्दों पर तीन से चार अलग-अलग तर्क-वितर्क पर लिखे लेख को ध्यान से पढ़िए और समझिए.
• पिछले 5-6 महीनों में अंतरराष्ट्रीय जगत की 10 बड़ी खबरों के साथ भी ऊपर लिखे तरीके से तैयारी करें.
• पिछले चार-पांच महीनों की पत्रिकाएं देखिए. खासकर इंडिया टुडे और फ्रॉंटलाइन. उनके कवर स्टोरी को पूरा पढ़ जाइए. पिछले कुछ सालों से आईआईएमसी में विवेचनात्मक प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं. इससे इस तरह के सवालों के जवाब में मदद मिलेगी.
• पिछले एक साल से छाए रहे बड़ी हस्तियों की लिस्ट बनाइए और उनके प्रोफाइल को जानिए. ये भी पढ़िए कि वो क्यों खबरों में बने रहे. इसमें भी राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल और फिल्म जगत और अंतरराष्ट्रीय जगत की हस्तियों को शामिल कीजिए.
एक परेशानी का हल तो हो गया. अब दूसरा बड़ा सवाल कि कैसे लिखा जाए. तो जनाब आप किसी भी पत्रकार से पूछ लीजिए, सभी के मुंह से एक ही जवाब मिलेगा, हमेशा आम बोल-चाल की भाषा में लिखो. पर मुझे आज भी एक सवाल सताता है कि एक नए विद्यार्थी को आप आम बोल-चाल की भाषा में लिखने बोलेंगे तो क्या सच वो में आम भाषा में लिख लेगा. परीक्षा में आम बोल-चाल की भाषा से मतलब है कि आपकी लिखने की शैली कैसी भी हो पर आप उन शब्दों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें जो आप सामान्य बातचीत में अपने घर और दोस्तों के साथ नहीं करते. मसलन, अपितु, यद्यपि, इत्यादि, तथापि, किंतु, परंतु जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करना सेहतमंद होगा. याद रखें कि आप महाभारत या रामायण की स्क्रिप्ट नहीं लिखने जा रहे हैं और ना ही आप गोलमाल के अमोल पालेकर की भूमिका निभाने जा रहे हैं जो विशुद्ध हिंदी बोलकर अपने बॉस को इम्प्रेस कर लेता है. अगर आपने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया तो कॉपी जांचने वाला आपकी कॉपी बीच में छोड़कर दूसरी कॉपी पर जा सकता है.
परीक्षा से ठीक पहले के लिए एक सलाह
जब आप परीक्षा हॉल के बाहर खड़े होंगे तो आप कुछ चीज जरूर नोटिस करेंगे जैसे कि कुछ लोग आपको कुर्ता और झोले के साथ दिखेंगे. कुछ आपको कोट-टाई में भी नजर आएंगे. कई के हाथों में पत्रकारिता की मोटी-मोटी किताबें होंगी या फिर कोई आपको बात करता दिखेगा कि उसने किस-किस बड़े पत्रकार की आईआईएमसी की प्रवेश परीक्षा का सेमिनार अटेंड किया है. मेरी एक बात मानिए, ये सब कोरे दिखावा के अलावा कुछ नहीं होता. आपने जो तैयारी की है और आप जिस शैली में लिखेंगे, उससे महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है. खादी के कपड़े पहनने या मोटी किताब या फिर सेमिनार अटेंड करने से ना आज तक कोई पत्रकार बना है और ना कभी बन पाएगा.
एक और बात. परीक्षा देने वालों में 90 प्रतिशत लोग बिना किसी तैयारी के बस परीक्षा का फॉर्मेट देखने के लिए आते हैं इसलिए आपका असली मुकाबला सिर्फ 10 फीसदी लोगों से होगा. इसलिए ईमानदारी से तैयारी कीजिए और परीक्षा दीजिए. और इसलिए मैं कह रहा हूं कि रास्ता आसान है और पास भी. एक छोटा सा संदेश आप सभी के लिए.
खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से ये पूछे कि बता तेरी रजा क्या है.
प्रदीप सूरीन
2 comments:
छात्रों के लिए अच्छे टिप्स है.
धन्यवाद| काफ़ी अच्छे टिप्स दिए आपने
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