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Sunday, May 22, 2011

समय, शब्द और स्व-प्रबंधन का अभ्यास

11वीं की पढ़ाई के दौरान ही पत्रकारिता में कदम रखने वाले केशव ने आईआईएमसी आने से पहले बेगूसराय टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा और हिन्दुस्तान समाचार पटना में प्रमुख पदों पर काम किया. अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों में केशव की खास दिलचस्पी है.
नमस्ते! आप इस ब्लॉग को पढ़ रहे हैं. मतलब आप अपनी तैयारी के प्रति गंभीर हैं. आपने अब तक जो पढ़ा है उसे दोबारा देख लें. और हां, आप लिखने का अभ्यास पहले से कर ही रहे होंगे. क्या आपने अपना लिखा हुआ किसी अनुभवी लेखक वरिष्ठ पत्रकार को दिखाया है? आप इसे किसी शिक्षक को भी दिखा सकते हैं. उनके निर्देशों को अमल में लाना आपकी लेखन क्षमता को विकसित करेगा.

रोजाना अख़बार पढ़कर कैसा लगता है? इस विषय पर सोचना और उसको लिखने की कोशिश करना भी एक अच्छा अभ्यास हो सकता है. बीते पांच साल के प्रश्नपत्र आपने इस ब्लॉग पर देखे होंगे. इस से आपको एक अंदाज़ा मिला होगा. इस ब्लॉग के अन्य लेख आपको और अधिक शार्प कर चुके होंगे. क्या आपने अपनी परीक्षा खुद ली है? प्रवेश परीक्षा के आखिरी दिनों में यह कोशिश हमें बहुत मजबूत करती है.

हाल के दिनों में मशहूर हुए हस्तियों की जानकारी, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के साथ आर्थिक गतिविधियां, खेल जगत और राजनितिक उतार चढ़ाव परीक्षा के लिहाज से हमसे अटेंशन की उम्मीद रखते हैं. पत्रकार बनने की इच्छा है तो मीडिया जगत पर नज़र रख ही रहे होंगे. इस विषय में कुछ न्यूज़ पोर्टल आपकी मदद कर सकता है. वेब जर्नालिज्म के दौर में इससे जुड़े सवाल की पूरी गुंजाइश है. हां, कंप्यूटर और इंटरनेट के बारे जानकरी के साथ आप परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.

अनुवाद का एक सवाल और वह भी बहुत स्कोरिंग होता है. इसके लिए लगातार अभ्यास से बढ़कर दूसरा और कोई उपाय नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र, कई देशों में चल रहे जनांदोलन, अमेरिका-भारत-पकिस्तान के संबंध, विकिलीक्स के खुलासे, विकिलीक्स की पत्रकारिता, नीरा राडिया प्रकरण, निजता का मामला, क्रिकेट विश्व कप, कॉमनवेल्थ गेम्स और घोटाला, 2जी स्पेकट्रम घोटाला, भूमि अधिग्रहण कानून के साथ ही बिनायक सेन और अयोध्या जमीन विवाद पर आए फैसले पर सरसरी निगाह डाल लेनी चाहिए. इसके अलावा खुद से भी कई मुद्दे तलाश कर उस पर लिखने की तैयारी होनी चाहिए.

समय, शब्द और स्व-प्रबंधन आपको हर लिखित परीक्षा में कामयाब बना सकता है. भाषा, शैली, शब्द ज्ञान, सामान्य जागरूकता, लेखन कौशल इन सबकी जांच परीक्षा में आमतौर पर की जाती है. आईआईएमसी के सवाल आपकी यादाश्त और समझदारी दोनों के हिसाब से तय किए जाते हैं. आपका संतुलित और स्पष्ट जबाव परीक्षकों को प्रभावित करता है और आपको सफल बनाता है.

सुना ही होगा आपने "Practice Makes Perfect". तैयारी करते रहने से आत्मविश्वास बनता और बढ़ता है. यह हर जगह बना रहना चाहिए. इसमें एक बात और जोड़ लीजिये "Constant Practice Often Excels Even Talent."

कहने का मतलब है कि आखिरी दिनों में गैर-जरूरी चीजों से बचना भी बहुत जरूरी है. प्रसन्नचित्त होकर पढना-लिखना जारी रखें. अच्छे से भोजन करें, नींद लें और तल्लीन होकर परीक्षा दें.

साक्षात्कार के बारे में बातें आगे.



आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं...
केशव कुमार
keshavom@gmail.com

Saturday, May 21, 2011

पूरी तरह एक्सप्रेसिबल रहें


पत्रकारिता में अपना करियर बनाने की चाह रखने वाले हर किसी की यह ख्वाहिश होती है कि वह भारतीय जनसंचार संस्थान में एडमिशन ले क्योंकि यह ऐसी जगह है जहाँ मीडिया जगत की दिग्गज हस्तियों से सीखने का मौका मिलता है. हिंदी पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर आनंद प्रधान के सानिध्य में पढने पर मायने बहुत ख़ास हो जाते हैं. अनेक मीडिया संस्थानों से जुड़े रह चुके दिलीप मंडल और दूसरे शिक्षक अपने अपने विषयों के साथ पूरा न्याय करते हैं.

आईआईएमसी की एक बड़ी ख़ास बात यह है कि यहां विद्यार्थी और शिक्षक का रिश्ता पारम्परिक शिक्षण संस्थानों जैसा नहीं है. हर विद्यार्थी अपनी बात पूरी दृढ़ता से रखने के लिए स्वतंत्र है. किसी भी संस्थान में विद्यार्थियों को अगर यह फ्री स्पेस दिया जाता है तो उसका सर्वांगीण विकास सम्भव हो पाता है. मेरा यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदी पत्रकारिता में यह लोकतान्त्रिक माहौल यहां के शिक्षकों की पहल का नतीजा है.

आईआईएमसी की बात करते समय अगर मैं एडमिन डिपार्टमेंट के चावला सर की बात न करूं तो यह गलत होगा. यहां का पूरा स्टाफ अपने काम में चुस्ती से जुटा रहता है. विद्यार्थियों को वक्त की पाबंदी का सबसे बढ़िया उदाहरण इनसे मिल सकता है.

जहां तक हिंदी पत्रकारिता में प्रवेश लेने के लिए तैयारी की बात है तो उसके लिए बहुत ज्यादा कुछ कहने की मुझे जरूरत नहीं है. पत्रकारिता में करियर बनाने की चाह रखने वालों से यह उम्मीद की जाती है कि उनके लक्ष्य स्पष्ट हों. अब उस लक्ष्य तक कैसे पहुंचना है यह उस व्यक्ति को अपनी काबिलियत के हिसाब से खुद तय करना होगा.

चूंकि यह ऐसा मंच है जहां मैं आने वाले आईआईएमसियन्स से अनुभव बांट सकती हूं इसलिए मैंने पहले आप सब के सामने आईआईएमसी की स्थिति रखी ताकि इसके मुख्य आकर्षण आपके लिए प्रलोभन बन जाएं और आप यहां प्रवेश पाने के लिए पूरी क्षमता लगा दें.

यहां का एग्जाम देने के लिए मैंने अख़बारों पर बारीकी से नजर रखी थी. इसके अलावा खबरों के ट्रीटमेंट पर भी ध्यान देती थी. लिखित परीक्षा पास करने के लिए महत्वपूर्ण है कि खबरों और परिवर्तनों पर नजर रखें. पिछले प्रश्न पत्र आपके लिए मददगार हो सकते हैं. साक्षात्कार के दौरान पूरी तरह एक्सप्रेसिबल रहें ताकि आपकी बात सामने वाले तक सही ढंग से पहुंच सके.

एक बात और. यहां हर तरह के विचार का स्वागत है बशर्ते सोच तार्किक हो. यकीन मानिए आईआईएमसी में बिताया गया यह एक साल आपको ताउम्र याद रहेगा.


आप सभी को परीक्षा के लिए शुभकामनाएं
श्वेता शर्मा
हिन्दी पत्रकारिता विभाग, 2010-11

Friday, May 20, 2011

सीमित समय में जवाब का शब्द प्रबंधन





भारतीय जनसंचार संस्थान की प्रवेश परीक्षा होने वाली है. कहने की जरूरत नहीं है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जो महत्व आईआईटी. का है, मेडिकल के क्षेत्र में जो महत्व एम्स का है, मैनेजमेंट के क्षेत्र में जो महत्व आईआईएम का है वही महत्व पत्रकारिता के क्षेत्र में आईआईएमसी का है. देश का अव्वल पत्रकारिता संस्थान आईआईएमसी कभी मेरे लिए भी सपना था. आज मैं यह सोच कर रोमांचित हो जाता हूँ कि मैं इस संस्थान में रेडिओ एवं टेलीविजन पत्रकारिता का छात्र रहा हूँ.

यूँ तो किसी भी पत्रकारिता संस्थान में दम नहीं है कि वह नौ महीने में किसी को पत्रकार बना दे. जो लोग ये सोचकर आईआईएमसी आने की सोच रहे हैं कि यहां कुछ घोलकर पिला दिया जाएगा और वे पत्रकार बन जायेंगे, वे गलफ़त में हैं. तलवार आपको बनकर आना होगा. आईआईएमसी सिर्फ उसपे धार चढ़ाएगी. यहां विभिन्न तरह के प्रशिक्षण द्वारा मीडिया के गुर सिखाये जाते हैं जो मीडिया इंडस्ट्री में काम आते हैं.

जब मैं पिछले साल प्रवेश परीक्षा देने आया था तो मुझे विश्वास नहीं था कि मेरा चयन हो पायेगा क्योंकि मैंने इसकी तैयारी के लिए कोई कोचिंग सेंटर ज्वाइन नहीं किया था. जब मैं परीक्षा सेंटर पहुंचा तो महंगी गाड़ियों से आये परीक्षार्थियों को देखकर मेरा आत्म-विश्वास डगमगाने लगा था. लेकिन 'सवाल पुस्तिका' देखकर मेरी बांछें खिल गईं और मैंने पूरे पेपर अच्छे से कर दिए.

मैं ये बात इसलिए शेयर कर रहा हूँ कि मेरे जैसे कई मेरे दोस्त होंगे जो गाँव से आकर इस बार आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में बैठ रहे होंगे पर उनमें भी आत्म-विश्वास की कमी होगी. कई साथी मोटी रकम देकर कटवारियासराय या बेरसराय में कोचिंग कर रहे होंगे. फिर भी खुद में कमी झलक रही होगी.

जो मित्र प्रवेश परीक्षा देने जा रहे हैं उन्हें मेरी तरफ से सलाह है कि अपने आत्मविश्वास को सातवें आसमान पर रखें और निम्नलिखित बातों को धयान में रखते हुए तैयारी जारी रखें:-

1. पिछले छ: महीने की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी रखें
2. पिछले छ: महीने के कोई भी दो समाचार पत्रों का संपदकीय पृष्ठ पढ़ जाएँ. ज्यादा से ज्यादा अखबार पढ़ें
3. ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र यानि अरब देशों की क्रांति का गहराई से अध्ययन करें
4. आदर्श घोटाला से लेकर कॉमनवेल्थ घोटाला तथा 2 -जी स्पेक्ट्रम घोटाला का अध्ययन करें
5. सरकारी लोकपाल तथा जन-लोकपाल बिल
6. जन-लोकपाल बिल से घोटालों को रोकने में कितनी सफलता मिलेगी?
7. अन्ना हज़ारे का आन्दोलन लोकतान्त्रिक दृष्टि से कितना सही?
8. भूमि अधिग्रहण बिल
9. पिछले 6 महीने में कौन चर्चित रहा और क्यों (1 अंक के दस सवाल में पूछा जा सकता है)
10. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों की समीक्षा. खासकर बंगाल में वाम-मोर्चा की हार.

समय तथा शब्द प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. सवाल मिलने के बाद आप ये देख लें कि किस सवाल का जबाव कितने शब्द में देने हैं. आप समय प्रबंधन कर लें. अशुद्धियां कम रखें तथा जो पूछा जा रहा है अपना जबाव वहीं फोकस करें.



मेरी तरफ से सभी परीक्षार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं...
रंजीत रंजन
रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता, 2010-11
90158-68441/ aranjanranjit@gmail.com

Thursday, May 19, 2011

See As Much As You Can

Shivani Tiwari, Entrance topper AD-PR 2010-2011 is a Graduate in Economics. With an innate flair for observation and writing she got into the advertising industry where she could experiment with her sense of “logical creativity”.
Hinging hugely on Articulation, Awareness, PRoficiency and Brevity, the IIMC AD-PR entrance exam is not the toughest nut to crack. What is definitely required is to be constantly in touch with the latest and the newest of the brands and conversations surrounding them. These brands might be companies or celebrities too. A daily snacking of advertisements doing the rounds on different channels and of the various issues hovering over news channels needs to be done.

For a course that encapsulates creativity and opinion building in its syllabi, it’s really crucial for the aspirants to show their affinity for the same through their attempt. Practice writing on abstract thoughts which would help you get the hang of the shorter questions where instant creativity is called for. Try thinking ahead of the stereotypical ideas and out of the compartmentalized avenues. Innovative expressions should be the core of your answers keeping logical sense of the same at the back of the mind.

Read as much as you can from business to celebrities to politics to issues spanning different fields. In addition to widely reading, it is crucial to critically analyze the issues you read, build opinions around it and at the same time dissect them well. As far as brands are concerned, understand the ongoing campaigns and the merits and demerits of the same.

Having said that, relax watch TV, listen to radio and peek-a-boo while shopping …….See as much as you can.


All the Best
Shivani

Monday, May 16, 2011

3 Easy Steps to IIMC

Sumit Jha is a 2010-11 English Journalism passout. A mechanical engineer by education, Sumit worked for Infosys before chosing journalism as a career. He has been recruited by Reuters in an on campus recruitment.
The first step, to me, is the most important one. Personally, I think journalism is a little more than just a profession. One has to love news and the process of news making. Getting into journalism just because one thinks it’s glamorous or because everyone around you is appearing for various entrance tests is the most fatal mistake anyone can make. Once you have convinced yourself that journalism is the profession that you can excel in, begins the next step.

The second step deals with the actual preparation for the entrance exams. As far as IIMC is concerned, it’s not as rigorous as other prestigious exams like UPSC or Medical or Engineering. One can prepare while working part time or even full time. All you have to do is to keep in touch with the recent news. Since the question paper deals with important events all around the world that have taken place during the last 12 or so month, its advisable that you go through news making events of the past one year. For those who have started their preparations late, a yearly digest that contains important events could serve well.

It’s also important that you know the basics of any issue. In-depth knowledge helps and internet could be a big help in that regard. It’s also imperative that you are well versed with both the sides of any issue. Reading opinion, features and editorials would give you a vantage point and would also help you crystallize your own thinking. So, make newspapers and news portals your best friends till the exams.

The third step deals with putting on paper what you know. Start making list of issues that have made news recently and that’s not very difficult. In fact you would realize that questions would be asked on more or less those same topics which you had considered important. For example, Anna Hazare’s fast, 2G spectrum scam, Bihar assembly election, the upsurge in Middle East, Osama Bin Laden and his killing and the just concluded assembly elections are almost sure to feature on the question paper in one way or the other.

The writing part, however, demands extreme discipline. The questions usually have word limit that ranges from 150 to 200 words. It’s very important to condense all the facts and opinion in that limit. A candidate must start writing at least a couple of pieces everyday on important topics adhering to the word limit. Sometimes more information leads to confusion in writing as one doesn’t know what to write and what to leave out. So, just before you start writing, make sure that you have all the important points in your head.

You can’t include everything you know so cut out the flab by removing points that are not that relevant. Writing practice should inculcate this sense of what is more important and what could be left out. While writing, never go overboard and make sure your points are backed by strong logic and fact so that they do not just hang in the vacuum.

Nine months at IIMC is a lifetime in itself. Hope you get to be a part of IIMC. Be relaxed and confident about your own abilities and preparations.


All the Best
Sumit Jha

Monday, May 9, 2011

Knowledge is more important than preparation

I am Ankur Ogra. I passed out of the institute in 2006. I was awarded the Achin Ganguly Memorial Scholarship for topping the entrance examination. I have worked in various advertising agencies like Dentsu, Ogilvy & Mather, Draft FCB Ulka and I am currently working with Percept Hakuhodo as Senior Manager –Strategy. I have worked on various brands like American Express, Hutch/Vodafone, Tata Docomo, Oswal among others. I was also doing theatre during my days at the institute with Barry John and acted in some plays with him.
Preparing for the advertising & PR entrance exam is the easiest the challenge I have faced in my life. Unbelievable...yes but true!

Because there was absolutely no preparation I had done for it. This is an exam that tests your knowledge of current socio-political matters affecting society and the relevance and importance of branding, advertising, marketing and other business issues affecting our everyday life.

Hence, preparation at the last minute would not be of great help, so anyone who has been reading economic and political newspapers and magazines will have a far greater edge than someone who has picked it up in the last few weeks.

Previous Blog by Ankur
Tips to crack the entrance examination for Advertising & PR

My suggestions– brand equity on ET (Wednesdays), Storyboard (CNBC), All about ads (NDTV Profit). Just follow these articles and programmes religiously till the time of the exam and I am sure it would be of great help.

The questions are subjective and you have 2 hours to finish. So you need to be fast in answering. Very fast! Since the competition is tough please don’t leave any question.

There is a group discussion after you have been shortlisted on the basis of your written examination for 15 marks. But this exam is not independent of your written exam, so even if you screw up your GD, you still have a good chance of cracking the exam!...so in a nutshell the entrance exam is of paramount importance. The total score is calculated from 100 marks.

Finally, just be calm and composed and am sure you will crack it.


Best of luck
Ankur Ogra

Friday, May 6, 2011

Read newspapers and keep yourself updated

To be honest and when I write this do not take me to be a pretentious snob, but getting through the English Journalism entrance is not a rocket science. I may sound a little ambitious but if I am asked how to crack IIMC entrance examinations, I have a simple answer- all you need to do is keep yourself updated with all you can. Sounds a little hard? It may at first but when you actually start thinking about it you might realise that reading a newspaper thoroughly for two to three hours daily is enough. It should be in your habit to read a newspaper on a daily basis. Your day should be incomplete unless you have read a newspaper.

Search for everything that has been in news in the last one year globally. You should be having a thorough understanding of what are all the burning issues. The issues can range from politics, economics to sports, movies et al. (whether national or international).

If possible try writing some essays on the issues that were in news recently and by news I mean major events. Every major English daily has a presence on web where you can find all the news to satiate your thirst. Read whatever you can about current issues you come across. Make it a habit of reading the newspaper editorial section.

Now how to answer questions. Generally, you get one statement on a current topic and are asked to give your viewpoints or do a critical analysis of the given problem. Of course there is a word limit for that ranging between 150-200 words. The examiners are not only checking your understanding of the issue and writing skills they are also looking at your own viewpoint on different issues. It is important to have a stand on issues. For example Jan Lok Pal Bill. You might be asked your viewpoint on it or to critically analyse whether India needs a law like this or not. You may also be also be asked about whether Anna Hazare's method of protest was right or wrong. This is just an example of the types that can be asked.

You should be ready to answer such questions with adequate reasons and facts backing your argument. Try giving both sides of an issue and then justifying one over other. Keep your sentences simple and short. Try not to beat around the bush. Avoid repetation.

Important thing to remeber is try not to cross word limit. You can end your essays short but try not to cross the limit. How effectively you can express yourself within prescribed limit is also a test. Give only relevant arguments i.e. only those which are related to the question asked.

Another question asked where there is a potential of scoring is where you are asked to write two-three sentences on various topics ranging from personalities to issues and organisations in news. If you are following the current events this one should not be a problem.

I must admit that I felt myself to be lucky to get through this test considering the fact that being the premier institute for Journalism it is an achievement in itself to get through its entrance examination. Again i would say read, read and read whatever you can on current topics and issues in news in the last few months. The more you read the better your understanding on issues will be and easier it will be to answer the questions. Become a “news junkie”!

To be succesfull in this field you should have a passion for writing and news. Best of luck for the exams.


Feroz Khan
2010-11, English Journalism