नमस्ते! आप इस ब्लॉग को पढ़ रहे हैं. मतलब आप अपनी तैयारी के प्रति गंभीर हैं. आपने अब तक जो पढ़ा है उसे दोबारा देख लें. और हां, आप लिखने का अभ्यास पहले से कर ही रहे होंगे. क्या आपने अपना लिखा हुआ किसी अनुभवी लेखक वरिष्ठ पत्रकार को दिखाया है? आप इसे किसी शिक्षक को भी दिखा सकते हैं. उनके निर्देशों को अमल में लाना आपकी लेखन क्षमता को विकसित करेगा.
रोजाना अख़बार पढ़कर कैसा लगता है? इस विषय पर सोचना और उसको लिखने की कोशिश करना भी एक अच्छा अभ्यास हो सकता है. बीते पांच साल के प्रश्नपत्र आपने इस ब्लॉग पर देखे होंगे. इस से आपको एक अंदाज़ा मिला होगा. इस ब्लॉग के अन्य लेख आपको और अधिक शार्प कर चुके होंगे. क्या आपने अपनी परीक्षा खुद ली है? प्रवेश परीक्षा के आखिरी दिनों में यह कोशिश हमें बहुत मजबूत करती है.
हाल के दिनों में मशहूर हुए हस्तियों की जानकारी, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के साथ आर्थिक गतिविधियां, खेल जगत और राजनितिक उतार चढ़ाव परीक्षा के लिहाज से हमसे अटेंशन की उम्मीद रखते हैं. पत्रकार बनने की इच्छा है तो मीडिया जगत पर नज़र रख ही रहे होंगे. इस विषय में कुछ न्यूज़ पोर्टल आपकी मदद कर सकता है. वेब जर्नालिज्म के दौर में इससे जुड़े सवाल की पूरी गुंजाइश है. हां, कंप्यूटर और इंटरनेट के बारे जानकरी के साथ आप परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
अनुवाद का एक सवाल और वह भी बहुत स्कोरिंग होता है. इसके लिए लगातार अभ्यास से बढ़कर दूसरा और कोई उपाय नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र, कई देशों में चल रहे जनांदोलन, अमेरिका-भारत-पकिस्तान के संबंध, विकिलीक्स के खुलासे, विकिलीक्स की पत्रकारिता, नीरा राडिया प्रकरण, निजता का मामला, क्रिकेट विश्व कप, कॉमनवेल्थ गेम्स और घोटाला, 2जी स्पेकट्रम घोटाला, भूमि अधिग्रहण कानून के साथ ही बिनायक सेन और अयोध्या जमीन विवाद पर आए फैसले पर सरसरी निगाह डाल लेनी चाहिए. इसके अलावा खुद से भी कई मुद्दे तलाश कर उस पर लिखने की तैयारी होनी चाहिए.
समय, शब्द और स्व-प्रबंधन आपको हर लिखित परीक्षा में कामयाब बना सकता है. भाषा, शैली, शब्द ज्ञान, सामान्य जागरूकता, लेखन कौशल इन सबकी जांच परीक्षा में आमतौर पर की जाती है. आईआईएमसी के सवाल आपकी यादाश्त और समझदारी दोनों के हिसाब से तय किए जाते हैं. आपका संतुलित और स्पष्ट जबाव परीक्षकों को प्रभावित करता है और आपको सफल बनाता है.
सुना ही होगा आपने "Practice Makes Perfect". तैयारी करते रहने से आत्मविश्वास बनता और बढ़ता है. यह हर जगह बना रहना चाहिए. इसमें एक बात और जोड़ लीजिये "Constant Practice Often Excels Even Talent."
कहने का मतलब है कि आखिरी दिनों में गैर-जरूरी चीजों से बचना भी बहुत जरूरी है. प्रसन्नचित्त होकर पढना-लिखना जारी रखें. अच्छे से भोजन करें, नींद लें और तल्लीन होकर परीक्षा दें.
साक्षात्कार के बारे में बातें आगे.
आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं...
केशव कुमार
keshavom@gmail.com
रोजाना अख़बार पढ़कर कैसा लगता है? इस विषय पर सोचना और उसको लिखने की कोशिश करना भी एक अच्छा अभ्यास हो सकता है. बीते पांच साल के प्रश्नपत्र आपने इस ब्लॉग पर देखे होंगे. इस से आपको एक अंदाज़ा मिला होगा. इस ब्लॉग के अन्य लेख आपको और अधिक शार्प कर चुके होंगे. क्या आपने अपनी परीक्षा खुद ली है? प्रवेश परीक्षा के आखिरी दिनों में यह कोशिश हमें बहुत मजबूत करती है.
हाल के दिनों में मशहूर हुए हस्तियों की जानकारी, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के साथ आर्थिक गतिविधियां, खेल जगत और राजनितिक उतार चढ़ाव परीक्षा के लिहाज से हमसे अटेंशन की उम्मीद रखते हैं. पत्रकार बनने की इच्छा है तो मीडिया जगत पर नज़र रख ही रहे होंगे. इस विषय में कुछ न्यूज़ पोर्टल आपकी मदद कर सकता है. वेब जर्नालिज्म के दौर में इससे जुड़े सवाल की पूरी गुंजाइश है. हां, कंप्यूटर और इंटरनेट के बारे जानकरी के साथ आप परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
अनुवाद का एक सवाल और वह भी बहुत स्कोरिंग होता है. इसके लिए लगातार अभ्यास से बढ़कर दूसरा और कोई उपाय नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र, कई देशों में चल रहे जनांदोलन, अमेरिका-भारत-पकिस्तान के संबंध, विकिलीक्स के खुलासे, विकिलीक्स की पत्रकारिता, नीरा राडिया प्रकरण, निजता का मामला, क्रिकेट विश्व कप, कॉमनवेल्थ गेम्स और घोटाला, 2जी स्पेकट्रम घोटाला, भूमि अधिग्रहण कानून के साथ ही बिनायक सेन और अयोध्या जमीन विवाद पर आए फैसले पर सरसरी निगाह डाल लेनी चाहिए. इसके अलावा खुद से भी कई मुद्दे तलाश कर उस पर लिखने की तैयारी होनी चाहिए.
समय, शब्द और स्व-प्रबंधन आपको हर लिखित परीक्षा में कामयाब बना सकता है. भाषा, शैली, शब्द ज्ञान, सामान्य जागरूकता, लेखन कौशल इन सबकी जांच परीक्षा में आमतौर पर की जाती है. आईआईएमसी के सवाल आपकी यादाश्त और समझदारी दोनों के हिसाब से तय किए जाते हैं. आपका संतुलित और स्पष्ट जबाव परीक्षकों को प्रभावित करता है और आपको सफल बनाता है.
सुना ही होगा आपने "Practice Makes Perfect". तैयारी करते रहने से आत्मविश्वास बनता और बढ़ता है. यह हर जगह बना रहना चाहिए. इसमें एक बात और जोड़ लीजिये "Constant Practice Often Excels Even Talent."
कहने का मतलब है कि आखिरी दिनों में गैर-जरूरी चीजों से बचना भी बहुत जरूरी है. प्रसन्नचित्त होकर पढना-लिखना जारी रखें. अच्छे से भोजन करें, नींद लें और तल्लीन होकर परीक्षा दें.
साक्षात्कार के बारे में बातें आगे.
आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं...
केशव कुमार
keshavom@gmail.com
1 comment:
Keshavji..i read ur article..nice :)
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