Thursday, May 20, 2010
लिखित परीक्षा के लिए शुभकामनाएं
एशिया में पत्रकारिता के प्रसिद्ध संस्थानों में शुमार भारतीय जनसंचार संस्थान में प्रवेश के लिए 21 मई, शुक्रवार को होने जा रही लिखित परीक्षा के लिए आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन की तरफ से सभी प्रतियोगियों को हार्दिक शुभकामनाएं.
IIMC Alumni Association
Blog:- http://iimcaa.blogspot.com/
http://www.iimccounselling.blogspot.com/
Group mail- iimc-alumni@googlegroups.com
Wednesday, May 5, 2010
अधिक से अधिक पढ़ें, लिखें और मंथन करें
विनीत कुमार भारतीय जनसंचार संस्थान में हिन्दी पत्रकारिता विभाग के 2006-07 बैच के छात्र रहे हैं. इस समय ईटीवी में संवाददाता के तौर पर दिल्ली में कार्यरत हैं. |
इन दिनों में छात्रों को पढ़ने और लिखने का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करना चाहिए. किसी भी विषय पर पढ़ने से ज्यादा लिखना और लिखने से ज्यादा उस विषय पर मंथन करना चाहिए. इससे परीक्षा में किसी मुद्दे को किसी भी प्रकार से पूछे जाने पर बेहतर ढ़ंग से लिखा जा सकता है. अभ्यर्थियों को समसामयिक मुद्दों के साथ-साथ अपने बारे में, अपने से जुड़े अनुभवों के बारे में, अपने राज्य के बारे में, अपने शहर के बारे में, अपने प्रिय अखबार, अपने प्रिय रिपोर्टर, पत्रकारिता में आने के कारण जैसे सवालों पर भी अध्ययन और विचार करना चाहिए.
हिन्दी पत्रकारिता के छात्रों को अनुवाद का भी ज्ञान होना चाहिए. प्रत्येक दिन कम से कम दो अंग्रेजी समाचार के अनुवाद का अभ्यास करना चाहिए. परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए इसमें निरंतरता आवश्यक है. प्रवेश परीक्षा में कई बार मीडिया से जुड़े सवाल भी पूछे जाते है जैसे टीआरपी, बाजार का मीडिया संस्थानों पर बढ़ता दबाव, पेड न्यूज़, खबरों का बदलता स्वरूप, खबरों की बदलती प्राथमिकता. इसके बारे में विभिन्न पत्रिकाओं के मीडिया विशेषांक और अखबारों में मीडिया से जुड़े लेखों से समझ बढ़ाई जा सकती है.
शुभकामनाएं.
विनीत कुमार
wineetkumar@gmail.com
Tuesday, April 27, 2010
Be calm and positive, and there you are
Arunoday Prakash is a English Journalism alumni of 2003-04 batch. He is Deputy Producer in STAR NEWS. After IIMC and Before STAR NEWS, He was associated with ANI, DD News and HT Mint. |
First of all be sure about what you are going to enter into, and don’t think I am dissuading you from entering into this parallel world of “news”. Yes it’s a parallel world. Once you are sure that it’s your passion and not just another job, things will be quite easy for you.First things first, A general know how, awareness, from what’s happening in your vicinity to the reasons of the IPL Gate to the Volcanic eruption which stalled the air traffic and passengers in several parts of the world. That’s not a big task, only one newspaper read everyday religiously can do the needful.
Secondly, one should have writing skills through which he/she could express/communicate with the audiences in as few words as he/she can.
The written exam is a test of your general abilities, presence of mind and a test of how you express things & analyze them. Although the pattern of the question paper keeps changing, but the overall focus is the same.
There would be some questions where you would be asked to write short notes, questions can range from the IPL Row, Sania–Shoaib Marriage vis-à-vis media coverage, the Naxal menace, US in Afghanistan, Paid News, Nithyanand Sex Scandal, the new breed of politicians, Indo-Pak relations, 3 G Spectrum etc. Here you would be tested for your knowledge and writing skills. I would suggest you to be straight, be fair in your analysis and don’t put in your own views too much, a critical analysis – both sides of the story would be the best effort from you.
Then there can be a match the following or one liners for some personalities. A basic knowledge of some personalities in news would be required; here you can score the most, try to solve them at the start, with a fresh mind.
Give at least two days before the paper to get to know the Indian media personalities: From the Editors of the prominent news channels, to some of the prominent columnists/journalists.As far as I remember the major weightage in the entrance is given to the written part, so be geared up to score the most, that will make things easy for you in the GD/PI.
Once you are through the written you will have to appear in the Group Discussion and Personal Interview. Confidence plays the biggest role here, but don’t be overconfident. Be original, what you are. Speak only when you are confident, you have answers to the questions branching out of what you going to speak. But that doesn't mean that you keep silent, try to turn the discussion/interview, mold it your way, that’s where you score, make others speak what you want them to. That is what a journalist all about. Speaking is not the only thing in journalism, it’s only a part, making people speak is the trait of a winner here. I will be through should be the attitude, help yourself and you will be through.
Best of luck friends and welcome to the world of IIMC
Cheers,
Arunoday Prakash
Monday, April 26, 2010
The Game of ADPR
“If at First the Idea is NOT absurd, Then there is NO hope for it”
Albert Einstein
There is no rocket science required for doing this course. I will accept that it is one of the most sophisticated & compact programme for Advertising & Public Relations I have seen in most of the academics charts of most of the universities across the globe. It’s been 5 years now, I have completed my course and now I feel that there was nothing special which we need to prepare on for the course. Well, in my case I was preparing for CAT and unfortunately I could not make it to final list of any IIM’s but just thought of appearing for this course as I have zeal of doing something new and innovative. Someone who is very sharp observer, dreamer & with stupid ideas can make for the course. This course is well defined structure of communication. The most important aspect is that how do we connect it to our daily life, get insights and try to replicate in the strategy for our brand, product, company, person etc etc. A person who is a good reader, now day’s good web surfer and has capability to think little out of the box can go for it. I must give a thrust on the fact that you should be able to think & write.
I don’t need to go for the topics or papers covered in the course as all of you know if you have read and observed the brochure. Now, how to crack the exam? It is the million dollar question…
Read..Read…Observe…Think & Write. Keep reading about the things happening around you. The preparation involves around reading newspapers daily, watching TV, Movies, Blogs, surf internet, increase your knowledge bank. Read about latest news, crisis, brands, and personalities. Try to put your ideas on paper with appropriate examples. Read case studies from business magazines, try to use simple but expressive language. I will suggest you reference websites like www.afaqs.com, www.exchange4media.com. Read supplements of daily newspapers. Try to know about the Mass, Media & Message. Everything in Communication revolves around 3M’s only. If any problem than do reach me through Web 2.0.
All the Best.
Harsh Verdhan, OSD-PR, IFFCO
ADPR-2004-05
Tuesday, April 20, 2010
... तो कोई नहीं है रोकने वाला!
2005 के वो दिन याद आते हैं जब मुझे आईआईएमसी के एंट्रेस देने थे। दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर झारखंड के मेरे छोटे से कस्बे में आईआईएमसी का नाम किसी ने शायद ही सुना था। मुझे भी झटके में आईआईएमसी के बारे में जानकारी मिली थी और फिर पता भी नहीं चला कि कैसे झटके में ही यहां पहुंच गया। कोई प्रोपर तरीके से तैयारी नहीं की थी क्योंकि एंट्रेस पेपर का कोई फॉर्मेट-फॉर्मूला मुझे पता ही नहीं था। बस अखबारों-पत्रिकाओं से पुराना नाता था, उसे बरकरार रखा और लिखने-पढ़ने का क्रम जारी रखा। यहां ये सब बताने का मकसद सिर्फ इतना है कि आईआईएमसी पहुंचना कोई बहुत बड़ी बात नहीं। बस थोड़ा अलर्ट रहने की जरूरत होती है। खबरों की दुनिया से वास्ता रखना होता है।
पिछले कुछ सालों के आईआईएमसी के जर्नलिज्म के एंट्रेस पेपर का कंटेंट एनालिसिस किया जाए तो एक फॉर्मेट समझ में आता है। जरूरी नहीं कि ये कोई यूनिवर्सल फॉर्मेट ही हो लेकिन इसपर एक नजर मार लिया जाए तो बहुत घाटे का सौदा नहीं रहेगा। पिछले सालों के पेपर के कंटेंट एनालिसिस के आधार पर हम जर्नलिज्म के पेपर को चार भागों में बांट सकते हैं।
करेंट अफेयर्स
आईआईएमसी का इम्तिहान पत्रकारिता प्रशिक्षण के लिए होता है इसलिए हर परीक्षार्थी से ये उम्मीद की जाती है कि वो देश-दुनिया में हो रही घटनाओं-परिघटनाओं से परिचित हो। एंट्रेस पेपर का एक बड़ा हिस्सा करेंट अफेयर्स से ही जुड़ा होता है। अगर हम करेंट अफेयर्स के हिस्से को थोड़ा और विस्तार से देखें तो इसके भी कुछ उपभाग हो सकते हैं।
शॉर्ट क्वेश्चन
देखा जाता है कि कुछेक हस्तियों, घटनाओं, जगहों का नाम देकर पूछा जाता है कि आखिर ये सुर्खियों में क्यों थे। ऐसे करीबन 10 सवाल पूछे जाते हैं। दो-दो नंबर के जिन्हें 25-30 शब्दों में लिखना होता है। जाहिर तौर पर इसे अच्छी तरह से लिखने के लिए जरूरी है कि आप हर खबर, हर घटना और हर चर्चित शख्सियत के बारे में अपडेट रहें। यहां आपको विस्तार से चीजें नहीं बतानी होतीं बल्कि कम शब्दों में ज्यादा बेहतर बताना होता है इसलिए यहां लफ्फाजी नहीं चलेगी। सीधे-सीधे टू-द-प्वाइंट जवाब देना होगा। और अगर आपने सभी 10 सवाल कर लिए और बेहतर तरीके से कर लिए तो यकीन जानिए कि आप अच्छे मार्क्स इस सेगमेंट में ला सकते हैं।
राष्ट्रीय मुद्दे
करेंट अफेयर्स पार्ट में ये भी एक बड़ा मसला है। देशभर की बड़ी गतिविधियों पर सवाल होते हैं और ये ज्यादा मार्क्स के लिए होते हैं। इनके जवाब आपको 400-500 शब्दों में भी देने होते हैं। इन दिनों नेशनल इश्यू में आप देखें तो महिला आरक्षण बिल, नक्सलवाद की समस्या, राइट टू एडुकेशन जैसे अहम मुद्दे सामने आ रहे हैं। आपसे इन मुद्दों के बारे में पूछा जा सकता है। सवाल सीधे-सीधे भी हो सकते हैं या घुमा-फिराकर भी पूछा जा सकता है। आपके विचार जाने जा सकते हैं या फिर किसी मसले के पक्ष-विपक्ष या फिर दोनों पहलुओं के बारे में पूछा जा सकता है।
राजनीतिक मुद्दे
राजनीतिक मुद्दों पर भी अहम होते हैं और इसपर भी पूछा जा सकता है। राजनीति का अपराधीकरण और अपराध का राजनीतिकरण से लेकर तात्कालिक राजनीतिक मुद्दों पर भी सवाल हो सकते हैं। अगर हालिया घटनाक्रम पर नजर डालें तो बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन से लेकर ‘क्रिकेट पॉलिटिक्स’ तक पर जानकारी मांगी जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दे
आईआईएमसी के इम्तिहान में जितना जोर राष्ट्रीय मुद्दों पर होता है उतना ही अंतरराष्ट्रीय मसले भी अहम होते हैं। दुनिया में घटने वाली बड़ी-बड़ी परिघटनाओं से लेकर दो देशों के बीच संबंधों को लेकर भी सवाल हो सकते हैं। ज्यादा जोर भारत और पड़ोसी देशों और एशियाई मुल्कों की स्थितियों-परिस्थितियों पर भी होता है। भारत-अमेरिका संबंधों से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों-बैठकों पर भी सवाल पूछे जाते हैं।
मीडिया-विमर्श
आप देश के शीर्ष मीडिया संस्थान में दाखिला लेना चाह रहे हैं और मीडिया के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने जा रहे हैं इसलिए लाजिमी है कि मीडिया से संबंधित हलचलों से आप रू-ब-रू रहें। हर साल मीडिया से जुड़े कुछ-ना-कुछ सवाल होते हैं जिसके मार्फत आपकी मीडिया से संबंधित समझ को परखने की कोशिश की जाती है। इन दिनों ‘पेड न्यूज’ की खूब चर्चा है सो इसी तरह से मीडिया से जुड़े मुद्दों पर आपकी राय जानी जा सकती है। इसलिए मीडिया गतिविधियों पर नजर रखें।
पारंपरिक-क्रिएटिव
पत्रकारिता एक तरह से लिखने का धंधा है। आप कैसा लिखते हैं ये भी एंट्रेंस में जानने की कोशिश की जाती है। ऐसे सवाल हल्के नजर आते हैं लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। भाषा, सोच-समझ सबका दर्पण होता है ये सेक्शन। जैसे आपसे पूछा जा सकता है कि आपने जर्नलिज्म फील्ड ही क्यों चुना? आपसे आपके पसंदीदा समाचार-पत्र, चैनल, टीवी शो के बारे में भी पूछा जा सकता है। कई बार आपसे आपके संस्मरण भी पूछे जाते हैं मसलन ट्रेन यात्रा, किसी हादसे का आंखों देखा हाल। ऐसे सवालों को लिखने के लिए जरूरी है कि आप लगातार घर में प्रैक्टिस करें। कुछ-ना-कुछ लिखते रहें। कम-से-कम दिनभर की डायरी ही सही।
अनुवाद-संक्षेपण
हाल-फिलहाल से ये अंतिम भाग के तौर पर जर्नलिज्म के पेपर में पूछा जाता है। एक पैसेज देकर या तो उसका हिन्दी में अनुवाद करना होता है या फिर अंग्रेजी में उसका संक्षेपण करना होता है। ये करीब 20 मार्क्स का होता है इसलिए इसकी उपेक्षा करना खतरे से खाली नहीं। इस पार्ट को बेहतर तरीके से डील करने के लिए लगातार अभ्यास की जरूरत है। इसलिए अंग्रेजी अखबार को लेकर हर रोज अनुवाद करने की प्रैक्टिस करें। इससे मीडिया की शब्दावली से आप परिचित भी होते चले जाएंगे और पेपर देते वक्त आसानी होगी। चूंकि पैसेज बड़ा होता है और उसे कम करके लिखना होता है इसलिए जरूरी है कि उसे दो-तीन बार पढ़कर ये तय कर लें कि किस भाग को लेना है और किस भाग को छोड़ना है। सीधे-सीधे शब्दों के अनुवाद की जरूरत नहीं होती है बल्कि भाव-अनुवाद पर जोर देना चाहिए। मार्क्स के हिसाब से चूंकि ये सेक्शन बेहद अहम है इसलिए इसे आखिरी में हल करने की भी कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि आखिरी में आपके पास वक्त कम होता है और आप हड़बड़ी में गड़बड़ी भी कर सकते हैं।
यहां एक बात ये जरूर कहना चाहिए कि आईआईएमसी का एंट्रेंस पास करने के लिए जितना जरूरी पढ़ना है उससे कहीं ज्यादा जरूरी लिखना है। केवल दो घंटे के इम्तिहान में आपको पच्चीसियों सवाल के जवाब लिखने होते हैं इसलिए आप गांठ बांध लें कि जितना पढ़ेंगे उससे कहीं ज्यादा लिखेंगे।
ऐसा किया तो फिर रोकेगा कौन?
शुभकामनाओं के साथ,
संदीप
Friday, April 9, 2010
तनाव को खुद पर हावी न होने दें
खुद की एक वेबसाइट भी है जिस पर देश-दुनिया के विषयों पर लिखते हैं. http://www.himanshushekhar.in/
आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे पहले तो यह जरूरी है कि इस संस्थान में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर जितने भी वहम अपने मन में आपने पाल रखे हैं, उन सभी को दिमाग से बाहर निकाल दें और इस पूरी प्रक्रिया के भय को त्याग दें.
आपको बहुत सारे लोग यह कहते हुए मिल जाएंगे कि इस संस्थान में दाखिला पाना तो असंभव सरीखा है और अगर दाखिला चाहते हो तो फलां जगह कोचिंग ले लो या फिर फलां-फलां मोटी किताबें पढ़ लो.
पर अपने अनुभव को आपके संग साझा करते हुए मैं तो यही कहूंगा कि इन बातों में आने की कोई जरूरत नहीं है. आप फॉर्म भरने या जमा करने जब आईआईएमसी गए होंगे तो वहां तैयारी करवाने वाले कुछ कोचिंग संस्थान वाले आपको जरूर मिले होंगे. कुछ पर्चियां भी दी होंगी. जिसमें कुछ छात्रों की तस्वीर भी होगी. दावा किया गया होगा कि इनका दाखिला संबंधित कोचिंग संस्थान की सेवा लेने की वजह से ही हुआ.
पर यकीन जानिए ये खोखली बाते हैं. ये कोचिंग संस्थान आईआईएमसी के छात्रों की सहमति से और ज्यादातर मामलों में छात्रों की सहमति लिए बगैर उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए पहली बात तो यह कि दाखिले की गारंटी देने वाले इन कोचिंग संस्थान की जाल में न फंसे.
आईआईएमसी की प्रवेश परीक्षा में आपकी सामान्य जानकारी और समझ को परखने की कोशिश होती है. जानकारी और विद्वता में फर्क होता है. आईआईएमसी की यह अपेक्षा नहीं रहती है कि वहां जो आए वह विद्वान हो लेकिन इतनी अपेक्षा जरूर होती है कि जो वहां आए वह समझदार हो. वह अपने देश-विदेश और समाज में चलने वाली गतिविधियों और हो रहे बदलाव के साथ इतिहास से भी वाकिफ हो. पत्रकार बनने की इच्छा रखने वालों से सामान्य अपेक्षा यह भी रहती है कि उसे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों की समझ हो.
पिछले कुछ साल से यह देखा जा रहा है कि आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में अर्थ जगत से जुड़े सवालों की संख्या बढ़ी है. इसलिए आर्थिक क्षेत्र की बुनियादी जानकारी और इस क्षेत्र की प्रमुख घटनाओं की जानकारी होना बेहद जरूरी है. साथ ही अपनी बात को शब्दों के जरिए सही और प्रभावी तरीके से अभिव्यक्त करने की क्षमता होना भी पत्रकार बनने की इच्छा रखने वालों के लिए एक अनिवार्य शर्त है.
इन बातों को ध्यान में रखकर तैयारी करने के बाद इस बात की संभावना नहीं रहती कि आप प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करें. तैयारी की पूरी प्रक्रिया में कभी भी तनाव को खुद पर हावी नहीं होने दें. अखबार नियमित तौर पर पढ़ें. अगर आप हिंदी पत्रकारिता में दाखिले के लिए आवेदन कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ हिंदी अखबार ही पढ़ें. बल्कि अंग्रेजी के अच्छे अखबार भी पढ़ें. इसके अलावा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करना भी जरूरी है. इस पूरी प्रक्रिया में किसी घटना से जुड़ी खबर आप पढ़ते हैं तो उससे जुड़े तमाम पहलुओं को आप जानने की कोशिश करें. इसमें इंटरनेट आपके लिए उपयोगी हो सकता है.
उदाहरण के तौर पर अभी शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो गया. इस खबर की जानकारी रखना सिर्फ पर्याप्त नहीं है. बल्कि यह जानने की कोशिश करें कि इस कानून पर बातचीत कब शुरू हुई. इस पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगा और क्या उतार-चढ़ाव आए. दुनिया के और किन देशों में ऐसा कानून है. इस कानून को अमली रूप देने की सरकार ने क्या व्यवस्था की है. जो इसका विरोध कर रहे हैं उनके पास क्या तर्क हैं. इतनी जानकारी जुटा लेने के बाद आपकी एक समझ बनेगी और तब आप इसके बारे में बेहतर तरीके से कुछ कह पाएंगे. ऐसे में जो आप कहेंगे वह तथ्यपरक और प्रभावी होगा. यही प्रक्रिया हर अहम मसले के साथ अपनाना चाहिए. खुद के अंदर किसी मसले को गहराई से जानने-समझने की ललक पैदा करना बेहद जरूरी है.
इस प्रक्रिया के तहत जब आप पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करेंगे तो आपकी जानकारी और समझ तो बढ़ेगी ही साथ ही साथ आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. इसका लाभ उस समय स्पष्ट तौर पर देखने को मिलेगा जब आप प्रवेश परीक्षा में बैठेंगे.
हालांकि, आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का कोई एक निश्चित पैटर्न नहीं रहता है लेकिन इसके बावजूद पुराने प्रश्न पत्रों पर निगाह मार लेना बेहद जरूरी है. इससे यह पता चलता है कि सवाल किस-किस क्षेत्र से संबंधित होते हैं. प्रवेश परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों की संख्या अच्छी-खासी रहती है. इसलिए निश्चित समय में इनका प्रभावी तरीके से जवाब देना भी एक चुनौती है. इस लिहाज से अभ्यास बेहद जरूरी है. अभ्यास लिखने का. अभ्यास निश्चित समय में निश्चित सवालों के जवाब देने का.
इसका एक तरीका यह है कि आप जिन खबरों को पढ़ते हैं और उसमें से जिसके बारे में विस्तार से जानकारी जुटाते हैं उन पर कुछ न कुछ नियम से लिखें. आप जो लिखें उसमें घटना की जानकारी, उससे जुड़े तथ्य और विभिन्न पक्षों की जानकारी के साथ-साथ विचारों को भी शामिल करें. क्योंकि प्रवेश परीक्षा में टिप्पणी करने के लिए आम तौर पर कहा जाता है. कम से कम शब्दों में प्रभावी तरीके से अपनी बात कहने की क्षमता विकसित करना बेहद उपयोगी साबित हो सकता है.
हिंदी पत्रकारिता में अनुवाद भी करवाया जाता है. इसलिए अनुवाद का भी अभ्यास कर लें. अगर आप एक ही मीडिया समूह के हिंदी और अंग्रेजी अखबार दोनों लेते हैं तो उसमें आपको कई खबरें समान मिल जाएंगी. अंग्रेजी से पहले खुद अनुवाद करें और फिर हिंदी संस्करण में प्रकाशित अनुदित खबर से मिलाएं. अनुवाद के दौरान हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह शब्दशः नहीं हो बल्कि अनुवाद ऐसा किया जाए कि खबर पढ़कर कहीं से यह नहीं लगे कि यह अनुदित है. हिंदी के कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए और आम बोलचाल के शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए.
इतनी तैयारी के बाद आप लिखित परीक्षा में किसी परेशानी का सामना नहीं करेंगे. परीक्षा केंद्र के बाहर के माहौल से बिल्कुल भयभीत नहीं हों. वहां मोटी-मोटी किताबें पढ़ते हुए लोग आपको दिखेंगे लेकिन चिंता की कोई बात नहीं. एकदम शांत होकर जाएं और सामने घड़ी रखकर समय का सही प्रबंधन करते हुए सवालों का जवाब प्रभावी तरीके से दें.
हां, परीक्षा हॉल में बिना कुछ खाए जाने की जरूरत नहीं है. कई लोग तनाव की वजह से कुछ खाते ही नहीं है. ऐसा करने से तनाव घटता तो नहीं बल्कि और बढ़ जाता है. परीक्षा से पहले दोस्तों के साथ हंसी-मजाक करते हुए माहौल को खुशनुमा बनाए रखें. अगर एक बार आपने तनाव को हावी हो जाने दिया तो फिर मुश्किल है.
अब बारी साक्षात्कार की
पहली बात चिंता छोड़ो और तनाव को हावी मत होने दो. पत्र-पत्रिकाओं के अध्ययन के बाद आपके पास इतनी जानकारी होती है कि आप सवालों का जवाब दे सकें. पर साक्षात्कार में आपके आत्मविश्वास और पूरे व्यक्तित्व को समझने की कोशिश की जाती है. आपके दिमाग में यह बात साफ होनी चाहिए कि आप पत्रकारिता में क्यों आ रहे हैं.
इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि आईआईएमसी जनता के पैसे से चलने वाला संस्थान है और इसलिए संस्थान आपसे व्यक्तिपरक नहीं बल्कि एक विस्तृत सोच की अपेक्षा रखता है. साक्षात्कार में पूछे जाने हर तरह का सवाल सामान्य तरीके से पूरे आत्मविश्वास के साथ दें.
जो सवाल नहीं आता है उसके बारे में बेहद विनम्रता के साथ यह बता दें कि मुझे नहीं पता. कभी भी घुमाने की कोशिश नहीं करें क्योंकि जो लोग वहां बैठे होते हैं वे इस क्षेत्र के वरिष्ठ लोग होते हैं और उन्हें सही-गलत का पता होता है. घुमाने का बेहद नकारात्मक असर पड़ता है. वहीं विनम्रता से इनकार करने को आपकी ईमानदारी से जोड़कर देखा जाता है. हर किसी को हर चीज की जानकारी हो, ऐसा संभव नहीं है. साक्षात्कार में किसी एक खास राजनीतिक विचारधारा की वकालत करने से बचें क्योंकि पत्रकार से किसी खास राजनीतिक विचारधारा की वकालत करने की अपेक्षा नहीं की जाती है.
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आईआईएमसी में दाखिले की प्रक्रिया बेहद सरल है और इस छात्रों की सहजता को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है.
इसलिए चिंता और भय को अपने आसपास भी नहीं फटकने दें.
आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं...
हिमांशु शेखर
Sunday, April 4, 2010
Best of the lot get the chance to live IIMC
Well for me it was a dream come true when I saw the first list of selected people for GD & PI and saw my name in it. I wasn’t unsure of the possibility but then when the selection is not amongst hundreds or thousands the chance becomes very challenging. It was then when I actually started preparing.
Getting selected in written exam is not so difficult, your know how on the current and important issues, your quality of picking up facts and seeing the issues in a balanced way, the style of expressions and ability to finish off the question paper in limited time can ease your tension of selection in written exam. I believe it’s the group discussion followed by the interview where they actually decide on whether to give you the entry ticket.
And for both the requirements presence of mind, eagerness to prove yourself and self confidence are the most essential things. GD topics can range from issues like global warming, women reservation, media hype to Sania Mirza's marriage, approach of media on issues like militancy to fatwa on Salman Khan, difference between print and TV in dealing with current happenings, naxals demanding their due, carnage of naxals in sildah of 24 EFR jawans and state govt. putting the blame on EFR, Indo-Pak relations, inflation and govt. role to handle it and etc.
You may have in depth knowledge on all the above said issues but you need to put forth your point in the GD and you need to be articulate enough, you may have applied for the print journalism course but in GD they do see how well conversant you are and how deftly you can put yourself forward when speaking among a peer group. Then comes the interview where in a panel of judges from different places - few from media, few from institutes and some of IIMC would be sitting in a row and welcoming you with a warm but yet subtly suggestive smile.
You shall be seated in front of the panel and your heart will give a little flutter. It is that moment when you need to compose all your thoughts and present the best thinking part of your personality. It is very difficult to appear absolutely cool, as they will ask questions on various topics and issues. Some may seem unrelated to the admission purpose directly- like what does your father do, or your mother is working, but don’t let that take you off guard. I guess that is just a way to measure that how focused you remain amidst distractions.
But please put one thing in your mind clearly that do not for once also try to fake your self. Not knowing something is no sin, but trying to portray that you have knowledge of the topic but just not recollecting it momentarily will take to more troubled waters. If you feel you don’t know a certain thing you either change the topic or say that you don’t know. And be prepared to clarify that learning is an endless process and that you are a quick learner too. A few witty replies to cheer everyone are a nice idea, but never cross your limits.
Well dressed candidates are always having a plus point. A little smile makes you look more confident. And do not forget to read the newspaper that morning and see the headlines. One question is a sure guess- do you read newspapers or watch news channel? Which ones? Why these? And then will pop the question that what was the headline of the newspaper you named? So before you name your choices be thorough with them. Once again reminding you don’t try to fake answers. Lastly, one little advise, we may be learned or well read enough but people sitting in the panel are there in the business for a long run, so we ought to give them credit and respect.
Rest is hard work. And may the best of the lot get the chance to read learn and live IIMC.
Cheers !!!
Samanwita Ghosh
Friday, April 2, 2010
Time to sip a cola & become a couch potato
He can be contacted on anshulrana.84@gmail.com
If you are actually reading this blog I can safely assume that you aspire to study at IIMC the coming academic year. To be even more specific you want to be a tv journalist. Like any examinee you would be a little nervous and trying to understand how you can crack the exam. Well then my advice is its time for you to relax, sit back and beat the prevalent heat wave conditions across half the nation.
No I haven't lost my metal balance nor am I a hacker who has posted his own views and I am definitely not an aspirant trying to spoil your preparations to better my chances (nice conspiracy theory- we journo types revel in them). But I am simply telling you what you might do to prepare for the exam on May 21st. (Admission Notice)
Okay before you all right me off as a crazy bugger let me explain. Take a look at the various entrance exam question papers posted on this blog (Question Papers) and what is the common thread? You might turn around and say there is no set format, there is no fixed parameter, every year is different. And I will say you are absolutely right. But take another look and you will see that all the questions whether they are asking you to write a short essay or just two words, are based on current affairs. Every single one of them.
Let's pick up a few samples
Year 2007
1. Write on any two of the following in not more than 200 words…15 (7.5 each)
A. The central educational (Reservations in admission) bill 2006 and the recent developments.
B. Electoral college for the election of president of India.
C. Indian takeovers abroad in steel and aluminum.
D. US president's visit to India
6. Critically evaluate the TV news coverage of any one of the following in not more than 200 words……7.5 marks.
A. Nithari killings
B. Samjhauta Express
C. Rescue of Prince
9. Match the following…. 2.5 marks
A. Channel 4 India
B. Geo TV Japan
C. CNN UK
D. NHK Pakistan
E. SUN-TV USA
Year 2008
Q1: TV news channels are replacing newspapers in India. Discuss in 500 words
Q4: Discuss within 200 words your views on India's look east policy OR significance of recent elections in Nepal?
Lets look at the 2007 question paper first. Q1 simply asks you to discuss in 500 words any of the 4 topics. 500 words is actually not much but if you have no clue about a topic these 500 words can look like a magnum opus. 3 out of the 4 topics are directly related to news events that happened in the preceding year. Only the electoral college discussion is not a direct news event but considering that the President was elected in that year you should have a fair bit idea of how the country's President is elected.
It is clear that across these two years the examinee is trying to assess your interest in current affairs and frankly if you don't have an interest in news you should not be giving this exam at all, in fact the career choice is a little faulty then. What you write in the discussion is entirely up to you. You can take either side but you should be able to justify your arguments. For instance if you are not happy with the US president's visit to India in 2007 you should be able to point out why. Are there some policies you don't agree with or is it what he said. 500 words is not a lot of words and once you get a flow you realise that the word limit is reached soon. So it is absolutely necessary for you to make as many arguments as you can. Try and be succinct.
The other two questions in 2007 are directly related to news. One is about events while the other is about channels from various countries. Now if you have been watching tv (which you should since you aspire to be a tv journalist) you will instantly recollect that Geo tv is in Pakistan and was in news for its confrontations with the Pakistani establishment under Musharraf. Also one of its senior journalist Hamid Mir is seen frequently on several channels taking part in debates. CNN of course is pretty famous, as is channel 4. Sun TV is also quite visible on our cable networks that leaves out NHK (frankly, I have never heard about it but using the exclusion principle we have come to the right choice).
Now to 2008, again the same format, discussion based on a current affair. The debate about TV news channels and newspapers is a big one and an ongoing one. While in India we haven't really felt it. In US and UK newspapers are fighting for their survival. I am sure if you have read newspapers and watched tv news in the past two years you could not have missed the impact of the current recession on media across the world. Similarly India look East Policy and Nepal elections were quite decent headlines at their time.
Which brings us to the bottom line and it is this. You need to brush up your current affairs. Read newspapers, magazines, internet news portals and watch tv news. When you read opinion pieces or watch tv debates try and form your own arguments simultaneously (it will help in the discussion for your exams) . One more thing when you watch news coverage on the channels try and understand what they are doing and how they are doing it. By now you would have definitely come across criticism for the electronic media for its coverage of 26/11, but there are other events also that you can think about. Ask yourself about several news stories. Do I Like it ? Why don't I like a particular news coverage? These kind of questions do come up at times. What is the difference between news on 24x7, CNN-IBN and TIMES NOW (there are others but I picked the top three). If you like watching business news channels, you should know how many of them are there, how do they go about their daily news and how are they different from each other.
You should have a pretty good idea of almost all big events that have shaped our present or our future. Right to Education, Paid news, Kasab trial, Census 2011 and the mess with the IPCC are just some of the points that come to my mind in just about 15 seconds. You should have about 100 such topics, people, companies that you need to read about because of what they have done in the past one year. So how do you know about all this. Simple, read, watch and listen.
No need to run around fretting about the exam, they cant ask you physics or chemistry, nor will they ask you questions on the relativity theorem. All questions will be on current affairs and there are no books on what is happening now. So just sit back, relax, switch on the a/c, cooler or the fan and start reading and watching news. An exam that actually asks you to watch tv, now in this heat what more can you ask for?
PS: If you feel bored with all the newspapers and news channels its an indication that this exam and this career is not what you really want. Do not choose tv journalism just because you want to see yourself on television (try Ekta Kapoor for that). You need to have passion for news and a 'need to know'.
Anshul Rana
Tuesday, March 30, 2010
Challenges: Journalism & Mass Communication
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