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Friday, April 9, 2010

तनाव को खुद पर हावी न होने दें

हिमांशु शेखर 2008-09 सत्र में हिन्दी पत्रकारिता के छात्र रहे. अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं में 300 से ज्यादा प्रकाशित लेखों की पूंजी के साथ आईआईएमसी पहुंचे. यहां से निकलने के बाद बिजनेस भास्कर के रास्ते फिलहाल बिजनेस स्टैंडर्ड में.

खुद की एक वेबसाइट भी है जिस पर देश-दुनिया के विषयों पर लिखते हैं. http://www.himanshushekhar.in/



आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे पहले तो यह जरूरी है कि इस संस्थान में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर जितने भी वहम अपने मन में आपने पाल रखे हैं, उन सभी को दिमाग से बाहर निकाल दें और इस पूरी प्रक्रिया के भय को त्याग दें.

आपको बहुत सारे लोग यह कहते हुए मिल जाएंगे कि इस संस्थान में दाखिला पाना तो असंभव सरीखा है और अगर दाखिला चाहते हो तो फलां जगह कोचिंग ले लो या फिर फलां-फलां मोटी किताबें पढ़ लो.

पर अपने अनुभव को आपके संग साझा करते हुए मैं तो यही कहूंगा कि इन बातों में आने की कोई जरूरत नहीं है. आप फॉर्म भरने या जमा करने जब आईआईएमसी गए होंगे तो वहां तैयारी करवाने वाले कुछ कोचिंग संस्थान वाले आपको जरूर मिले होंगे. कुछ पर्चियां भी दी होंगी. जिसमें कुछ छात्रों की तस्वीर भी होगी. दावा किया गया होगा कि इनका दाखिला संबंधित कोचिंग संस्थान की सेवा लेने की वजह से ही हुआ.

पर यकीन जानिए ये खोखली बाते हैं. ये कोचिंग संस्थान आईआईएमसी के छात्रों की सहमति से और ज्यादातर मामलों में छात्रों की सहमति लिए बगैर उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए पहली बात तो यह कि दाखिले की गारंटी देने वाले इन कोचिंग संस्थान की जाल में न फंसे.

आईआईएमसी की प्रवेश परीक्षा में आपकी सामान्य जानकारी और समझ को परखने की कोशिश होती है. जानकारी और विद्वता में फर्क होता है. आईआईएमसी की यह अपेक्षा नहीं रहती है कि वहां जो आए वह विद्वान हो लेकिन इतनी अपेक्षा जरूर होती है कि जो वहां आए वह समझदार हो. वह अपने देश-विदेश और समाज में चलने वाली गतिविधियों और हो रहे बदलाव के साथ इतिहास से भी वाकिफ हो. पत्रकार बनने की इच्छा रखने वालों से सामान्य अपेक्षा यह भी रहती है कि उसे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों की समझ हो.

पिछले कुछ साल से यह देखा जा रहा है कि आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में अर्थ जगत से जुड़े सवालों की संख्या बढ़ी है. इसलिए आर्थिक क्षेत्र की बुनियादी जानकारी और इस क्षेत्र की प्रमुख घटनाओं की जानकारी होना बेहद जरूरी है. साथ ही अपनी बात को शब्दों के जरिए सही और प्रभावी तरीके से अभिव्यक्त करने की क्षमता होना भी पत्रकार बनने की इच्छा रखने वालों के लिए एक अनिवार्य शर्त है.

इन बातों को ध्यान में रखकर तैयारी करने के बाद इस बात की संभावना नहीं रहती कि आप प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करें. तैयारी की पूरी प्रक्रिया में कभी भी तनाव को खुद पर हावी नहीं होने दें. अखबार नियमित तौर पर पढ़ें. अगर आप हिंदी पत्रकारिता में दाखिले के लिए आवेदन कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ हिंदी अखबार ही पढ़ें. बल्कि अंग्रेजी के अच्छे अखबार भी पढ़ें. इसके अलावा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करना भी जरूरी है. इस पूरी प्रक्रिया में किसी घटना से जुड़ी खबर आप पढ़ते हैं तो उससे जुड़े तमाम पहलुओं को आप जानने की कोशिश करें. इसमें इंटरनेट आपके लिए उपयोगी हो सकता है.

उदाहरण के तौर पर अभी शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो गया. इस खबर की जानकारी रखना सिर्फ पर्याप्त नहीं है. बल्कि यह जानने की कोशिश करें कि इस कानून पर बातचीत कब शुरू हुई. इस पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगा और क्या उतार-चढ़ाव आए. दुनिया के और किन देशों में ऐसा कानून है. इस कानून को अमली रूप देने की सरकार ने क्या व्यवस्था की है. जो इसका विरोध कर रहे हैं उनके पास क्या तर्क हैं. इतनी जानकारी जुटा लेने के बाद आपकी एक समझ बनेगी और तब आप इसके बारे में बेहतर तरीके से कुछ कह पाएंगे. ऐसे में जो आप कहेंगे वह तथ्यपरक और प्रभावी होगा. यही प्रक्रिया हर अहम मसले के साथ अपनाना चाहिए. खुद के अंदर किसी मसले को गहराई से जानने-समझने की ललक पैदा करना बेहद जरूरी है.

इस प्रक्रिया के तहत जब आप पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करेंगे तो आपकी जानकारी और समझ तो बढ़ेगी ही साथ ही साथ आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. इसका लाभ उस समय स्पष्ट तौर पर देखने को मिलेगा जब आप प्रवेश परीक्षा में बैठेंगे.

हालांकि, आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का कोई एक निश्चित पैटर्न नहीं रहता है लेकिन इसके बावजूद पुराने प्रश्न पत्रों पर निगाह मार लेना बेहद जरूरी है. इससे यह पता चलता है कि सवाल किस-किस क्षेत्र से संबंधित होते हैं. प्रवेश परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों की संख्या अच्छी-खासी रहती है. इसलिए निश्चित समय में इनका प्रभावी तरीके से जवाब देना भी एक चुनौती है. इस लिहाज से अभ्यास बेहद जरूरी है. अभ्यास लिखने का. अभ्यास निश्चित समय में निश्चित सवालों के जवाब देने का.

इसका एक तरीका यह है कि आप जिन खबरों को पढ़ते हैं और उसमें से जिसके बारे में विस्तार से जानकारी जुटाते हैं उन पर कुछ न कुछ नियम से लिखें. आप जो लिखें उसमें घटना की जानकारी, उससे जुड़े तथ्य और विभिन्न पक्षों की जानकारी के साथ-साथ विचारों को भी शामिल करें. क्योंकि प्रवेश परीक्षा में टिप्पणी करने के लिए आम तौर पर कहा जाता है. कम से कम शब्दों में प्रभावी तरीके से अपनी बात कहने की क्षमता विकसित करना बेहद उपयोगी साबित हो सकता है.

हिंदी पत्रकारिता में अनुवाद भी करवाया जाता है. इसलिए अनुवाद का भी अभ्यास कर लें. अगर आप एक ही मीडिया समूह के हिंदी और अंग्रेजी अखबार दोनों लेते हैं तो उसमें आपको कई खबरें समान मिल जाएंगी. अंग्रेजी से पहले खुद अनुवाद करें और फिर हिंदी संस्करण में प्रकाशित अनुदित खबर से मिलाएं. अनुवाद के दौरान हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह शब्दशः नहीं हो बल्कि अनुवाद ऐसा किया जाए कि खबर पढ़कर कहीं से यह नहीं लगे कि यह अनुदित है. हिंदी के कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए और आम बोलचाल के शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए.

इतनी तैयारी के बाद आप लिखित परीक्षा में किसी परेशानी का सामना नहीं करेंगे. परीक्षा केंद्र के बाहर के माहौल से बिल्कुल भयभीत नहीं हों. वहां मोटी-मोटी किताबें पढ़ते हुए लोग आपको दिखेंगे लेकिन चिंता की कोई बात नहीं. एकदम शांत होकर जाएं और सामने घड़ी रखकर समय का सही प्रबंधन करते हुए सवालों का जवाब प्रभावी तरीके से दें.

हां, परीक्षा हॉल में बिना कुछ खाए जाने की जरूरत नहीं है. कई लोग तनाव की वजह से कुछ खाते ही नहीं है. ऐसा करने से तनाव घटता तो नहीं बल्कि और बढ़ जाता है. परीक्षा से पहले दोस्तों के साथ हंसी-मजाक करते हुए माहौल को खुशनुमा बनाए रखें. अगर एक बार आपने तनाव को हावी हो जाने दिया तो फिर मुश्किल है.


अब बारी साक्षात्कार की

पहली बात चिंता छोड़ो और तनाव को हावी मत होने दो. पत्र-पत्रिकाओं के अध्ययन के बाद आपके पास इतनी जानकारी होती है कि आप सवालों का जवाब दे सकें. पर साक्षात्कार में आपके आत्मविश्वास और पूरे व्यक्तित्व को समझने की कोशिश की जाती है. आपके दिमाग में यह बात साफ होनी चाहिए कि आप पत्रकारिता में क्यों आ रहे हैं.

इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि आईआईएमसी जनता के पैसे से चलने वाला संस्थान है और इसलिए संस्थान आपसे व्यक्तिपरक नहीं बल्कि एक विस्तृत सोच की अपेक्षा रखता है. साक्षात्कार में पूछे जाने हर तरह का सवाल सामान्य तरीके से पूरे आत्मविश्वास के साथ दें.

जो सवाल नहीं आता है उसके बारे में बेहद विनम्रता के साथ यह बता दें कि मुझे नहीं पता. कभी भी घुमाने की कोशिश नहीं करें क्योंकि जो लोग वहां बैठे होते हैं वे इस क्षेत्र के वरिष्ठ लोग होते हैं और उन्हें सही-गलत का पता होता है. घुमाने का बेहद नकारात्मक असर पड़ता है. वहीं विनम्रता से इनकार करने को आपकी ईमानदारी से जोड़कर देखा जाता है. हर किसी को हर चीज की जानकारी हो, ऐसा संभव नहीं है. साक्षात्कार में किसी एक खास राजनीतिक विचारधारा की वकालत करने से बचें क्योंकि पत्रकार से किसी खास राजनीतिक विचारधारा की वकालत करने की अपेक्षा नहीं की जाती है.

हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आईआईएमसी में दाखिले की प्रक्रिया बेहद सरल है और इस छात्रों की सहजता को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है.

इसलिए चिंता और भय को अपने आसपास भी नहीं फटकने दें.



आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं...
हिमांशु शेखर

3 comments:

केशव कुमार said...

thanks a lot sir ,
taiyari karne ka achha margdarshan mil gaya.
ab iimc me padhte huye hamesha aap yad aayenge.
with warm regards.
kesha

NITESH SRIVASTAVA said...

thanks a ton sir, aapke margdarshan se mene written exam qualify ker lia hai......... hamesa aapke margdarshan ki zrurat rahegi..

ur younger brother
nitesh srivastava

karuna kriti said...

Aapka bahut-2 danyawad.iimc ke entrance ko lekar mere man me bhat sare confusion the.par ek had tak wo confusions dur ho gye ha.
KKriti