कुछ विषय ऐसे हैं जिनके बारे में घटनाक्रम के साथ-साथ उसकी पृष्ठभूमि जानना आवश्यक है. उदहारण के तौर पर अंतरराष्ट्रीय संबंध, नक्सलवाद, कश्मीर समस्या, उत्तर-पूर्व में उग्रवाद आदि. इसके अतिरिक्त कुछ बिंदु ऐसे हैं जो किसी भी साक्षात्कार के लिये सामान रूप से महत्वपूर्ण हैं. पर्सनल प्रोफाइल (नाम, अपने राज्य, शैक्षणिक पृष्ठभूमि, अभिरुचि आदि ) पर गहराई से विचार करें और खुद या मित्रों के समूह में चर्चा के द्वारा अधिकतम प्रश्न तैयार कर उनका उपयुक्त उत्तर ढूंढने का प्रयास करें. खासकर अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और पत्रकारिता में उसकी प्रासंगिकता के बारे में अपनी राय स्पष्ट करें. अपने राज्य की समस्याओं, उपलब्धियों और राजनितिक माहौल के बारे में यथासंभव जानकारी इकठ्ठा कर लें.
साक्षात्कार के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें. कुर्सी पर कमर सीधी कर बैठें, प्रश्न शांत भाव से सुनें और प्रश्न समाप्त होने के बाद स्थिरता से उसका जवाब दें. साक्षात्कार के दौरान साक्षात्कारकर्ता से नजरें मिलाकर बात करें और किसी सवाल का जवाब न आने पर विनम्रता के साथ यह स्वीकार करें कि जवाब आपको पता नही है. यह कहते समय शर्मिंदा होने की जरुरत नही है. क्योंकि कोई भी व्यक्ति सब कुछ जानने का दावा नही कर सकता है. जहां तक संभव हो साक्षात्कार के दौरान हल्की मुस्कराहट बनाएं रखें. विषम प्रश्न पूछे जाने पर भी सहजता बनाए रखें.
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