सबसे पहले तो लिखित परीक्षा में
उत्तीर्ण हो जाने वालों को जोरदार वाली बधाई दे देते हैं. याद रखिये, अभी सिर्फ आधी जंग जीती है और आखिरी लड़ाई अभी भी बाकी है.
इंटरव्यू की तैयारी में जुटे छात्रों
को सबसे पहले तो यही सलाह है कि बेरसराय, कटवारियासराय
और आईआईएमसी के आस पास पनपे तमाम कोचिंग सेंटर से दूरी बनाये रखें. और ऐसे लोगों
से भी जो इन्टरव्यू का हौआ बनाकर आपको डरा रहे हैं.
इंटरव्यू देने से पहले याद रखिये कि
यह आपके एपटीट्यूड को नहीं एटीट्यूड को परखने का चरण है . इसलिए आप अभी तक जो भी
पढ़ते लिखते देखते सोचते बाचते आये हैं बस वही आपको सामने बोलना है, पर जरा असरदार तरीके से.
जाहिर है आप पत्रकार बनाना चाह रहे
हैं तो आपसे आपके पसंदीदा अखबार, टी वी चैनल,
पत्रकार के बारे
में पूछा
जाएगा. तो आपको अपने उस 'ख़ास' की खूबियाँ और खामियां पता होनी चाहिए.
दूसरी बात आप जिस इलाके से आते हैं,
वहां के स्थानीय अखबारों के प्रेजेंटेशन में अंतर पर भी
आपकी राय होनी चाहिए. मसलन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अमर उजाला और दैनिक जागरण के
खबरों को पेश करने में क्या अंतर है?
आपसे यह जरूर पूछा जाएगा कि आप
पत्रकार क्यों बनना चाहते हैं? और हर इन्टरव्यूई
की तरह आप मुस्कुराते हुए कहेंगे कि आप समाज बदलना चाहते हैं, क्रान्ति लाना चाहते हैं, सच उजागर करना चाहते हैं वगैरह. इस पर ख़ास सलाह है कि ऐसे घिसे पिटे और
स्टेंडर्ड जवाब से बचें. कोशिश करें कि कुछ प्रेक्टिकल जवाब दें. और नहीं है तो
इंटरव्यू से पहले ढूंढ लें. (बहुत से पेशेवर पत्रकार आज भी इस सवाल का जवाब ढूंढ
रहे हैं)
अब बात कुछ ऐसे सवालों की जो सामान्य
ज्ञान या कहिये सामान्य जागरूकता से जुड़े हो सकते हैं. आपके स्थानीय सांसद ...राज्य
सरकार की नीतियाँ (यू पी वाले बढ़ते अपराधिक मामले और सरकार का रुख जैसे सवाल पर
जरूर राय बनाकर जाएँ) और कुछ राष्ट्रीय योजनाओं की जानकारी आपको होना जरूरी है.
ऊपर से यह चुनावी साल रहा है तो विजयी पार्टी के जीत के कारण , प्रचार के तरीके , पुरानी
सरकार के हार के कारण आदि पर भी आपकी समझ होनी चाहिए.
एक खास बात हमेशा ध्यान रखें "It
is only you who's at the driving seat during your interview"
मतलब अपने साक्षात्कार का रुख आप ही
तय करते हैं इसलिए खुद से जुडी जानकारी देते समय यह भी सोच लें कि इससे जुड़ा सवाल
ही सामने से फेंका जाने वाला है.
पिछले कुछ सालों से मीडिया के पेशेगत
मसलों पर भी सवाल दागे जा रहे हैं.इसलिए मीडिया से जुड़े विषय जैसे मीडिया
ट्राइल...पेड न्यूज...टीआरपी जैसे मुद्दों के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय मजबूत
कर लें. सोशल मीडिया के फायदे नुकसान पर भी सवाल पूछा जा सकता है.
फ़ुटबाल विश्वकप,नए कैबिनेट मंत्री और उनके विभाग, लोकसभा चुनाव परिणाम, नयी सरकार की
नीतियां , इराक संघर्ष, पी एम का भूटान दौरा, डिग्री विवाद,
जैसी हालिया घटनाओं पर भी वन वर्ड आंसर वाले सवालों के
लिए तैयार रहें.
और अगर आप अपने इंटरव्यू से एक रात
पहले यह ब्लॉग पढ़ रहे हैं तो जल्दी से रिमोट उठाइये और टी वी पर खबरें देख लीजिए
और हो सके तो फ़ुटबाल मैच भी. क्योंकि लाल दीवारें और पीले अमलतास वाले कैम्पस तक
पहुँचने के लिए काम सिर्फ खबरें ही आनी हैं कोई टेक्स्ट बुक नहीं.
शुभकामनाएं
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