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Saturday, June 28, 2014

पूछा वही जाएगा जो आप चाहते हैं

अनुग्रह मिश्रा 2012-13 बैच में हिन्दी पत्रकारिता विभाग के छात्र रहे हैं. फिलहाल राज्यसभा टीवी में कार्यरत हैं. आप इनसे टीवी की चर्चाओं में बतौर दर्शक शामिल होने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं.

सबसे पहले आप लोगों को ढेर सारी बधाई दूंगा. सब दे रहे हैं इसलिए नहीं बल्कि इसलिए क्योंकि आप इसके ह़कदार हैं. खुशी होती है जब आप देश के सबसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान की प्रवेश परीक्षा को पास कर लेते हैं. उस खुशी को बरक़रार रखने की ज़रूरत है और थोड़ा धैर्य रखने की भी क्योंकि आने वाला वक़्त आपका है.

आप लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं इससे ज़ाहिर है कि आप कुछ अलग सोच रखते हैं. अब बारी है कि आप ख़ुद को कैसे पेश करते हैं. थोड़ा सा डर ज़रूर लग सकता है लेकिन याद रखना डर के आगे जीत है. इंटरव्यू से घबराने की ज़रूरत क़तई नहीं हैं लेकिन उसे हल्के में लेना भी बेवकूफी होगी.

ध्यान रहे आप से वही पूछा जाने वाला है जो आप चाहते हैं लेकिन आप उसका जवाब कितनी साफगोई से दे पाते हैं ये ज्यादा मायने रखता है. बायोडाटा में जो चिपका रखा है उसे फिर से रिमाइंड कर लें क्योंकि सवाल आपके उस बायोडाटा और आपकी रुचि के अनुसार ही दागे जाने हैं.

सवालों का जवाब देते हड़बड़ी न दिखाएं नहीं तो अपनी बात से भटक कर जवाब आते हुए भी नहीं दे पाएंगे. बाकी आपके जवाबों से ही काउंटर प्रश्न पूछे जा सकते हैं, उसके लिए भी तैयार रहें.

आप कहां से हैं और वो जगह किस बात के लिए जानी जाती है इसका जवाब आपको न हम दे पाएंगे और न ही गूगल बाबा. आप को ये मालूम होना चाहिए. वहां की राजनीति, वहां की समस्याओं से आपका रूबरू होना ज़रूरी है. आप का एजुकेशन बैकग्राउंड अगर साइंस या कॉमर्स है तो चेंज ऑफ ट्रैक के सवाल भी हो सकते हैं. फील्ड ऑफ इन्ट्रेस्ट पर भी ज्ञान देने के लिए तैयार होकर जाएं.

देश-दुनिया में जो हो रहा है उसकी जानकारी होनी चाहिए. आप इराक़ और भारत-चीन रिश्तों के विशेषज्ञ भले ही न हों लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि भारत के उप-राष्ट्रपति फिलहाल किस देश के दौरे पर हैं.

क्योंकि आपका रुझान खेल की खबरों में है इसलिए आपको बाज़ार में रुपए की उछाल के बारे में नहीं पता है ये तर्क मुश्किल पैदा कर सकता है. कम से कम तमाम बड़े विषयों पर आपके पास एक सामान्य जानकारी ज़रूरी है भले आप किसी भी मुद्दे पर विषेशज्ञ न हों. 
सवालों में आपकी विचारधारा, राजनीतिक रुचि के बारे में सीधे तौर पर नहीं पूछा जाएगा लेकिन आपके जवाब में वो झलक सकती है फिर भी उसकी चिंता न करें. किसी की अंधभक्ति से बचें और किसी मसले के तमाम पहलुओं पर ग़ौर करने के बाद ही उसकी विवेचना करें.

बाकी पत्रकारिता क्रांति लाने के लिए करना चाहते हैं, देश बदलने के लिए करना चाहते हैं- जैसे जवाब देने से बचना चाहिए. सामने बैठे लोग ऐसे जवाब पर आपको घेर सकते हैं. मीडिया के मालिकों और पूंजी के हित तक बात जा सकती है. इसके बदले आप लेखन और समसामयिक विषयों में रुचि जैसी बातों का सहारा ले सकते हैं और मानते हैं कि इसे पेशेवर तौर पर अपनाना आपके लिए बेहतर करियर विकल्प है.

तो अब आप चलें इंटरव्यू के लिए और हां थोड़ा सा ठीक से पहन-वहन के जाएं. इंटरव्यू हॉल में आपकी ही तरह अपनी बारी का इंतजार कर रहे साथियों से हाय-हलो करके खुद को सहज रखना अच्छा रहेगा.


ढेर सारी बधाई पार्ट-2 :)

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