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Thursday, May 20, 2010

लिखित परीक्षा के लिए शुभकामनाएं

मित्रों,
एशिया में पत्रकारिता के प्रसिद्ध संस्थानों में शुमार भारतीय जनसंचार संस्थान में प्रवेश के लिए 21 मई, शुक्रवार को होने जा रही लिखित परीक्षा के लिए आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन की तरफ से सभी प्रतियोगियों को हार्दिक शुभकामनाएं.




IIMC Alumni Association
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Wednesday, May 5, 2010

अधिक से अधिक पढ़ें, लिखें और मंथन करें

विनीत कुमार भारतीय जनसंचार संस्थान में हिन्दी पत्रकारिता विभाग के 2006-07 बैच के छात्र रहे हैं. इस समय ईटीवी में संवाददाता के तौर पर दिल्ली में कार्यरत हैं.
भारतीय जन संचार संस्थान में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को परीक्षा के लगभग एक महीना पहले से इसके प्रति गंभीर हो जाना चाहिए. मेरे अनुसार सबसे पहले अभ्यर्थियों को विगत वर्षों के प्रश्नों का बारीक अध्ययन करना चाहिएय अगर आखिरी दिनों तक इसका नियमित अध्ययन कर तैयारी की जाए तो बेहतर होगा. साथ ही अभ्यर्थियों को इन दिनों दो-तीन स्तरीय अखबार भी पढ़ना चाहिए. हिन्दी के छात्रों को अगर संभव हो सके तो ‘जनसत्ता’ पढ़ना चाहिए. जनसत्ता में संपादकीय पेज स्तरीय होता है. इसमें ‘दुनिया मेरे आगे’ नामक कॉलम से काफी कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है.

इन दिनों में छात्रों को पढ़ने और लिखने का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करना चाहिए. किसी भी विषय पर पढ़ने से ज्यादा लिखना और लिखने से ज्यादा उस विषय पर मंथन करना चाहिए. इससे परीक्षा में किसी मुद्दे को किसी भी प्रकार से पूछे जाने पर बेहतर ढ़ंग से लिखा जा सकता है. अभ्यर्थियों को समसामयिक मुद्दों के साथ-साथ अपने बारे में, अपने से जुड़े अनुभवों के बारे में, अपने राज्य के बारे में, अपने शहर के बारे में, अपने प्रिय अखबार, अपने प्रिय रिपोर्टर, पत्रकारिता में आने के कारण जैसे सवालों पर भी अध्ययन और विचार करना चाहिए.

हिन्दी पत्रकारिता के छात्रों को अनुवाद का भी ज्ञान होना चाहिए. प्रत्येक दिन कम से कम दो अंग्रेजी समाचार के अनुवाद का अभ्यास करना चाहिए. परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए इसमें निरंतरता आवश्यक है. प्रवेश परीक्षा में कई बार मीडिया से जुड़े सवाल भी पूछे जाते है जैसे टीआरपी, बाजार का मीडिया संस्थानों पर बढ़ता दबाव, पेड न्यूज़, खबरों का बदलता स्वरूप, खबरों की बदलती प्राथमिकता. इसके बारे में विभिन्न पत्रिकाओं के मीडिया विशेषांक और अखबारों में मीडिया से जुड़े लेखों से समझ बढ़ाई जा सकती है.

शुभकामनाएं.

विनीत कुमार
wineetkumar@gmail.com