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Saturday, May 21, 2011

पूरी तरह एक्सप्रेसिबल रहें


पत्रकारिता में अपना करियर बनाने की चाह रखने वाले हर किसी की यह ख्वाहिश होती है कि वह भारतीय जनसंचार संस्थान में एडमिशन ले क्योंकि यह ऐसी जगह है जहाँ मीडिया जगत की दिग्गज हस्तियों से सीखने का मौका मिलता है. हिंदी पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर आनंद प्रधान के सानिध्य में पढने पर मायने बहुत ख़ास हो जाते हैं. अनेक मीडिया संस्थानों से जुड़े रह चुके दिलीप मंडल और दूसरे शिक्षक अपने अपने विषयों के साथ पूरा न्याय करते हैं.

आईआईएमसी की एक बड़ी ख़ास बात यह है कि यहां विद्यार्थी और शिक्षक का रिश्ता पारम्परिक शिक्षण संस्थानों जैसा नहीं है. हर विद्यार्थी अपनी बात पूरी दृढ़ता से रखने के लिए स्वतंत्र है. किसी भी संस्थान में विद्यार्थियों को अगर यह फ्री स्पेस दिया जाता है तो उसका सर्वांगीण विकास सम्भव हो पाता है. मेरा यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदी पत्रकारिता में यह लोकतान्त्रिक माहौल यहां के शिक्षकों की पहल का नतीजा है.

आईआईएमसी की बात करते समय अगर मैं एडमिन डिपार्टमेंट के चावला सर की बात न करूं तो यह गलत होगा. यहां का पूरा स्टाफ अपने काम में चुस्ती से जुटा रहता है. विद्यार्थियों को वक्त की पाबंदी का सबसे बढ़िया उदाहरण इनसे मिल सकता है.

जहां तक हिंदी पत्रकारिता में प्रवेश लेने के लिए तैयारी की बात है तो उसके लिए बहुत ज्यादा कुछ कहने की मुझे जरूरत नहीं है. पत्रकारिता में करियर बनाने की चाह रखने वालों से यह उम्मीद की जाती है कि उनके लक्ष्य स्पष्ट हों. अब उस लक्ष्य तक कैसे पहुंचना है यह उस व्यक्ति को अपनी काबिलियत के हिसाब से खुद तय करना होगा.

चूंकि यह ऐसा मंच है जहां मैं आने वाले आईआईएमसियन्स से अनुभव बांट सकती हूं इसलिए मैंने पहले आप सब के सामने आईआईएमसी की स्थिति रखी ताकि इसके मुख्य आकर्षण आपके लिए प्रलोभन बन जाएं और आप यहां प्रवेश पाने के लिए पूरी क्षमता लगा दें.

यहां का एग्जाम देने के लिए मैंने अख़बारों पर बारीकी से नजर रखी थी. इसके अलावा खबरों के ट्रीटमेंट पर भी ध्यान देती थी. लिखित परीक्षा पास करने के लिए महत्वपूर्ण है कि खबरों और परिवर्तनों पर नजर रखें. पिछले प्रश्न पत्र आपके लिए मददगार हो सकते हैं. साक्षात्कार के दौरान पूरी तरह एक्सप्रेसिबल रहें ताकि आपकी बात सामने वाले तक सही ढंग से पहुंच सके.

एक बात और. यहां हर तरह के विचार का स्वागत है बशर्ते सोच तार्किक हो. यकीन मानिए आईआईएमसी में बिताया गया यह एक साल आपको ताउम्र याद रहेगा.


आप सभी को परीक्षा के लिए शुभकामनाएं
श्वेता शर्मा
हिन्दी पत्रकारिता विभाग, 2010-11

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