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Tuesday, July 1, 2014

इंटरव्यू में मौलिकता ही एक्स फैक्टर है

सुमित सुन्द्रियाल हिन्दी पत्रकारिता विभाग के 2012-13 बैच के छात्र हैं. कैंपस सेलेक्शन से आईबीएन7 में जो एक बार लैंडिंग की तो फिर वहीं ग्राउंडेड हैं.


सबसे पहले तो आप सबको बधाई कि आप लोगों ने एंट्रेंस टेस्ट पास किया और अब इंटरव्यू स्टेज पर पहुंच चुके हो. तैयारी तो अच्छी चल ही रही होगी. उसमें भी ज्यादा कुछ है नहीं. सिर्फ़ बीते एक-दो महीनों के कुछ ख़ास मुद्दे हैं जिनके बारे में जानने की जरूरत है. वो भी अभी तक कर ही लिए होंगे. अगर नहीं किया है तो भई अब वक्त कम है, जितना हो सकता है जान लें.

इंटरव्यू के लिए क्या करना चाहिए, क्या नहीं, ये आपको पता तो होगा और उससे भी ज्यादा आपको अब तक पता चल चुका होका इस ब्लॉग में मिले टिप्स के जरिए. इसलिए ज्यादा कुछ बचता नहीं बताने को. फिर भी अपने ही इंटरव्यू के अनुभव से कुछ तो बता ही सकता हूं.

पहली और सबसे जरूरी बात- इंटरव्यू आपका है, सामने वाले का नहीं. जवाब आपको देना है. बोलना आपको है. सामने पैनल में बैठा शख्स कोई शिकारी नहीं है कि आपने आवाज की और आपका शिकार. नहीं बोलेंगे तो जरूर आप अपनी इस गलती के शिकार होंगे. इसलिए एक भी मौका ऐसा नहीं आए कि आप चुप हो जाएं. कहने का ये मतलब है कि जवाब दीजिए. जितना आता है, उतना जरूर दीजिए. नहीं आता तो भी विनम्रता के साथ बताइए कि नहीं आता. आपका ये रवैया भी इंटरव्यूअर को जीतने का जरूरी फैक्टर है.

और एक बात. जिस तरह से रिटेन टेस्ट में सीमित शब्दों में लिखना होता है उसी तरह इंटरव्यू में भी अपने जवाब सीमित रखें. लंबे जवाब एक तो गैर जरूरी होते हैं, दूसरे आपको उलझाने के लिए काफी होते हैं. सीमित जवाब आपकी शख्सियत को प्रभावी बनाने का काम करता है. काउंटर प्रश्न की संभावना कम होती है लेकिन रिलेटेड प्रश्न बढ़ सकते हैं. बाकी आपका जो विस्तृत ज्ञान है उसके लिए कोर्स के दौरान भरपूर वक्त है.

अब बात आती है आत्मविश्वास की. इंटरव्यू में सफलता सबसे ज्यादा इस पर ही निर्भर करती है कि आप अपने जवाब को लेकर कितने आश्वस्त हैं. इंटरव्यू में ज्ञान से ज्यादा आत्मविश्वास काम आता है. ऐसा नहीं है कि इंटरव्यू लेने वाले गलत जवाब पर डांट देंगे या फिर खुद को श्रेष्ठ दिखाने की कोशिश करेंगे. बल्कि वो आपसे आपका श्रेष्ठ निकलवाने के लिए आत्मविश्वास की परीक्षा लेते रहेंगे. अपने जवाब पर टिके रहना जरूरी है, चाहे गलत भी हो. आपको लगता है कि ये सही है तो कहिए कि सर/मैम मेरी जानकारी में ये जवाब है. आपका ये ईमानदार रवैया आपके काम हमेशा ही आएगा.

लेकिन ये बात ध्यान रखिएगा कि आपको हर हाल में ईमानदारी रखनी है. झूठ का सहारा आपको किसी भी अंजाम तक नहीं पहुंचाएगा. और कम से कम अपने बारे में तो ईमानदारी रखिए. आपको क्या करना है, आपकी पसंद क्या है, कैसे इस कोर्स में पहुंच गए, चाहे जो भी कारण हो या जो भी जवाब हो, बस सच और ईमानदार होना चाहिए.

एक आखिरी बात. आपके किसी साथी से क्या सवाल पूछा गया या उसने क्या जवाब दिया और उस पर इंटरव्यू पैनल की प्रतिक्रिया क्या रही, इससे बिल्कुल भी प्रभावित या विचलित होने की जरूरत नहीं है. न चाहते हुए भी ये प्रवृत्ति अक्सर सामने आती है. याद रखिए, सवाल एक जैसे हो सकते हैं लेकिन आपसे हमेशा नए जवाब की उम्मीद की जाएगी. ध्यान रहे कि आईआईएमसी में आपकी पत्रकारिता को निखारा जाता है. पत्रकारिता तो आपमें पहले से है तभी आपको इंटरव्यू का बुलावा आया है. आप जैसे हैं, वैसे रहें. मौलिकता ही आपका एक्स फैक्टर है.

बाकी क्या मुद्दे आजकल चल रहे हैं, ये आप सबको पता ही है. इसलिए अब तैयार रहिए आईआईएमसी परिवार का हिस्सा बनने के लिए. जल्द ही किसी दिन मिलेंगे आईआईएमसी में.


शुभकामनाएं.

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