सबा वकील आईआईएमसी हिन्दी पत्रकारिता विभाग के 2012-2013 बैच की तीसरी टॉपर हैं. सबा कैंपस प्लेसमेंट के रास्ते हिन्दुस्तान अखबार से जुड़ी हैं. |
अब बात उन लोगों की जिन्होंने आधी मंज़िल तय कर ली है और आधा सफर अभी बाकी है. प्रवेश परीक्षा के बाद बारी है पर्सनल इंटरव्यू की. हिन्दी विभाग में समूह चर्चा यानी ग्रुप डिस्कशन आम तौर पर नहीं होती है. आप में से बहुत से लोग ऐसे होंगे जिनको कई तरह के इंटरव्यू का अनुभव होगा, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिनके लिए यह इस तरह का पहला मौका होगा.
सबसे पहले तो आप सभी ये मान कर चलें कि जो व्यक्ति आप का इंटरव्यू लेने बैठा होगा वो भी आप की तरह सामान्य व्यक्ति है. देखा जाता है कि इस तरह के इंटरव्यू में अभ्यर्थी बहुत परेशान हो जाते हैं या फिर ज्यादा उत्साह में कुछ ऐसा बोल जाते हैं जिसका सामने वाले पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आप की कोशिश ये होनी चाहिए कि आप जैसे हैं, वैसा ही अपने बारे में बताए. इंटरव्यू के दौरान आप जो हैं, वही रहें. बनावटीपन से खुद को दूर रखें.
ये खासियत आईआईएमसी के साथ ही पत्रकारिता की भी है कि यहां कुछ लोग अपनी पसंद से आते हैं तो कुछ ऐसे होते हैं जो सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं के अभ्यस्त होते हैं जिनका पत्रकारिता में आना मुख्य मकसद नहीं होता है. ऐसे में आपको ऐसा लग सकता है कि सामने वाले की जानकारी का स्तर आप से ज्यादा है. फिर आप नर्वस हो जाते हैं. आप खुद को किसी से भी कम ना समझें. आप के और सामने वाले के ज्ञान में ज्यादा फर्क नहीं है. ऐसा होता तो आप दोनों एक ही प्लेटफार्म पर नहीं होते. इसलिए बिल्कुल नर्वस न हों और अपने आत्मविश्वास को बनाएं रखें.
इंटरव्यू के समय जब आप से अपने बारे में बताने कहा जाए तो सबसे पहले नाम और जगह का नाम बताएं जहां के आप रहने वाले हैं. इसके बाद प्रारंभिक पढ़ाई से अब तक की शिक्षा के बारे में बताएं. हो सकता है कि इंटरव्यू बोर्ड के लोग इसके बाद भी आप से अपने बारे में ही बताने को कहें. ऐसे में तब आप पत्रकारिता में क्यों आना चाहते हैं, इसके बारे में बताएं. अपने जीवन के निजी पहलुओं पर बात करने से बचें क्योंकि सामने वाला आपके इसके बारे में इच्छुक नहीं होगा.
इंटरव्यू के समय और आगे भी आप का इस प्रश्न से सामना बार-बार होगा “आप पत्रकार ही क्यों बनना चाहते हैं?” इसलिए ये अच्छा रहेगा कि आप खुद भी ये पहले से ही जान लें कि आप पत्रकार ही क्यों बनना चाहते हैं.
पत्रकारिता के अंदर किस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, इसका भी ध्यान रखें. जिस क्षेत्र को आप इंटरव्यू के दौरान अपनी पसंद बताने वाले हैं उसके बारे में जानकारी जुटा लें. जैसे कि आप भविष्य में खेल पत्रकारिता या फिर राजनीतिक पत्रकारिता में जाने की इच्छा जताने वाले हैं तो इंटरव्यू बोर्ड आपसे उस क्षेत्र की अलग-अलग हालिया गतिविधियों पर सवाल पूछ सकता है. मकसद ये होता है कि आप कितना अपडेट हैं. आप सिर्फ सपने देख रहे हैं या उसे पूरा करने के लिए आप सक्रिय भी हैं. सिर्फ इस इंटरव्यू के लिए ही नहीं अगर आप वास्तव में उस क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं तो उस पर अपनी पकड़ बना लें.
बाकी इंटरव्यू के समय जो पूछा जाए, उसका ही जवाब दें. बातों को गोलमोल घुमाए बिना सीधे जवाब दें.
आगे की मंज़िल के लिए मेरी ओर से सभी को बधाई. कामना है कि भविष्य में आप सभी बहुत अच्छा करेंगे.
3 comments:
guide karne ke liye dhanyavad.. mujhe ye ar batayie ki hindi journalism men group discuusion men kya kya puchten hain??
वैसे तो हिंदी पत्रकारिता के प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ग्रुप डिस्कशन नहीं होते है...मगर फिर भी ग्रुप डिस्कशन के दौरान हमेशा अपनी बात पर खुद स्पष्ट होना ज़रुरी है तभी किसी बात को आप उठाए साथ ही उस बिंदु पर आप को तर्क वितर्क के लिए भी तैयार रहना होगा...इसलिए कोई भी बिंदु उठाते समय उस पर पूरी तरह स्पष्ट रहना ज़रुरी है।
मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आप जैसे छात्रों के कारण IIMC देश का सर्वश्रेष्ठ जनसंचार संस्थान है .कहा भी गया है जहा सुमति तहा संपत्ति नाना
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