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Sunday, May 4, 2008

जरूरी है पहले की तैयारी भी...

दोस्तों,
 
आईआईएमसी की प्रवेश परीक्षा आम छात्रों की तरह मेरे लिए भी अहम थी. ये कठिन है, लेकिन थोडी सी मेहनत और अपने आपको 'अपडेट' रखकर इसे पास करना बहुत मुश्किल नहीं है.
 
85 अंकों की इस परीक्षा में अधिकतर सवाल  मीडिया और आपके आसपास मंडराती ख़बरों से संबंधित होते हैं. मसलन देश, दुनिया, समाज, शहर, खेल, क्राइम, साहित्य और इससे जुड़े तमाम ऐसे पहलू हैं जिनकी जानकारी बेहद जरूरी है. जरूरी यह भी है कि आपको अपने आसपास की पूरी जानकारी हो.
 
कहीं ऐसा न हो कि आप देश-दुनिया के बारे में तो जानते हों लेकिन आपके राज्य की क्या हालत है, वहां ताजा घटनाक्रम क्या हैं, आप उससे ही बेखबर हों.
 
प्रवेश परीक्षा में अधिकतर सवाल आपके सामान्य ज्ञान को परखते हैं.
 
जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मौजूदा दौर पर सवाल पूछे जा सकते हैं. आपसे अपेक्षा की जाती है कि आपको यह मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव किस तरह से किया जाता है. इस समय चुनाव मैदान में कौन-कौन से उम्मीदवार अपनी-अपनी पार्टी का टिकट पाने की कोशिश कर रहे हैं.
 
अमेरिकी चुनाव में क्या मुद्दे हैं. अमेरिका का इराक, अफगानिस्तान जैसे देशों में जो सीधा हस्तक्षेप है, उनके बारे में पूछा जा सकता है. आपको मालूम होना चाहिए कि ईरान से उसका क्या विवाद है. इसी साल क्यूबा की सत्ता में पर्दे के पीछे चले गए फिदेल कास्त्रो के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.
 
यह भी पूछा  जा सकता है कि नेपाल में माओवादियों की जीत का क्या महत्व है. उनके विद्रोह की शुरुआत कब और कैसे हुई. सवाल राजनीतिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मसले पर भले हों लेकिन आपकी राय किसी भी सवाल पर पूछी जा सकती है और किसी भी चीज पर राय बनाने के लिए उसके विभिन्न पक्षों की समझ तो होनी ही चाहिए.
 
चीन में ओलंपिक, उसकी मशाल को लेकर दुनिया भर में हुए बवाल, तिब्बत का मामला, भारतीय रुख-रवैया तो जीवंत सवाल हैं.
 
संप्रग सरकार और वामदलों के रिश्तो को प्रभावित करने वाले मुद्दे, अमेरिका से भारत का असैन्य परमाणु करार, सरबजीत की फांसी, ईरान से गैस पाइपलाइन की प्रस्तावित योजना, जी-8, जी-4, आईएईए, आरके पचौरी, अल गोर, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, कर्नाटक चुनाव, गुजरात में मोदी की जीत, रोजगार गारंटी योजना, सूचना का अधिकार कानून, मायावती, आडवाणी की आत्मकथा, म्यांमार की स्थिति और ऐसी ही दूसरी चीजों की कम से कम ऊपरी समझ तो होनी ही चाहिए.
 
इस समय देश में महंगाई का शोर है, मुद्रास्फीति की दर क्या बला है. महंगाई के क्या कारण हैं और वैश्विक खाद्य संकट पर बुश की राय को लेकर आपकी क्या राय है. शेयर बाजार, बजट और अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण शब्द. परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक, इन सवालों से बचना आसान नहीं होगा.
 
अगले आम चुनाव में देश के सामने क्या प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं जिन्हें राजनीतिक दल नारे में बदलें.
 
ट्वेंटी-20 क्रिकेट, उसका विश्व कप, सुभाष चंद्रा की आईसीएल, बीसीसीआई की आईपीएल, टवेंट-20 क्रिकेट का भविष्य और उससे एक दिवसीय या टेस्ट मैचों को संभावित ख़तरे.
 
बॉलीवुड पर अगर सवाल हों तो निश्चित रूप से वह किसी अफवाह या अफेयर पर नहीं होगा. भारतीय फिल्मों की अंतर्राष्ट्रीय पहचान. समाचार के साथ ही फिल्म संसार में क्षेत्रीय भाषा का बढ़ता कद. यह तो पूछा जाता रहा है कि आप अपने पसंद की किसी फिल्म या टीवी कार्यक्रम की समीक्षा करें.
 
आम परीक्षाओं से यह इस रूप में अलग है कि यहां पारंपरिक और निबंधात्मक शैली से बचना बेहतर साबित हो सकता है. शब्दों का चयन समझदारी से करना चाहिए.
 
टाइम मैनेजमेंट को किसी भी स्तर पर नजरअंदाज न करें. परीक्षा का निर्धारित समय दो घंटे होता है और बहुत कुछ लिखना होता है लेकिन शब्द सीमा के दायरे में. इसलिए बुद्धिमानी के साथ ही सावधानी की भी जरूरत है.
 
मेरी तरफ से अंतिम और सबसे महत्पूर्ण बात यह है कि आप भले हिंदी पत्रकारिता विभाग की परीक्षा देने जा रहे हों लेकिन अंग्रेजी को किसी भी स्तर पर नजरअंदाज करना मुनासिब नहीं.
 
अंग्रेजी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेजी का अभ्यास जितना ज्यादा करके आईआईएमसी पहुंचेंगे या दाखिले के बाद भी करते रहेंगे, आगे का सफर उतना ही आसान होता जाएगा.
 
नए लोगों के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन का सराहनीय प्रयास है.
 
 
 
परीक्षार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं...
प्रिंस माहेश्वरी
अमर उजाला, देहरादून

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