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Monday, June 16, 2008

अंतिम चुनौती, जिसे आसानी से पार कर जाएंगे आप...

भारतीय जनसंचार संस्थान की लिखित परीक्षा आपने पास कर ली है और अब आखिरी बाधा आपके सामने है- इंटरव्यू. बीस प्रतिशत नम्बर इस इंटरव्यू में आने हैं और यह संस्थान से आपका नाता जुड़ने का आखिरी एवं महत्वपूर्ण पड़ाव है.
 
इंटरव्यू में क्या पहनकर जाएं या आत्मविश्वास, चेहरे के हावभाव, कितना और कब बोलना, यह सब बताने की आवश्यकता नहीं है. दूसरे इंटरव्यू के लिए जितने भी ये आवरण आपको अपनाने होते हैं, वे सब इस इंटरव्यू में भी आप अपना सकते हैं. लेकिन टाई लगाकर खुद को असहज करने से कुछ इम्प्रेशन बढ़ जाएगा, ऐसा मैं नहीं कह सकता. आपको भविष्य के पत्रकार के रूप में तैयार किया जाना है और आज का मीडिया उस झोलाछाप पत्रकार का प्रतीक नहीं है, जो मसालेदार हिंदी फिल्मों में गाहे-बगाहे दिखता रहा है.
 
इंटरव्यू के पैनल में बाहर से आए पत्रकारों को लिया जाता है जो बहुत हद तक आपको सहज करने की कोशिश करते हैं. हां, वे आपके भीतर बुनियादी बातों की समझ देखना चाहते हैं, आपके भीतर के आत्मविश्वास को देखना चाहते हैं और यह भी जानना-समझना चाहते हैं कि आपकी मीडिया में आने की कैसी ललक है और क्यों है.
 
पैनल के लोग किसी चैनल के हो सकते हैं, हिंदी अखबार के हो सकते हैं या अंग्रेजी से भी हो सकते हैं. लिहाजा ऐसे में आप एक मीडिया के मुकाबले दूसरे की तारीफ करने की भूल न ही करें तो बेहतर होगा. किसी विचारधारा के साथ जुड़े दिखने की गलती भी ठीक नहीं है. अत्यधिक विनम्रता या अत्यधिक बड़बोलापन भी ठीक नहीं है. जो बात कहें वह तथ्य के हिसाब से सही होनी चाहिये. भाषण के बजाए वह बात होनी चाहिये.
 
इंटरव्यू में जाने से पहले उस दिन का अखबार जरूर देख लें. वहां पैनल में बैठे पत्रकार एक दिन पहले से उन खबरों में रचबस कर आते हैं और भविष्य के पत्रकार से उनकी उम्मीद होती है कि वह उन खबरों से वाकिफ होगा. समकालीन विषयों के बारे में आपकी जानकारी होनी चाहिये और वह खेल से लेकर आर्थिक पत्रकारिता तक जानी चाहिये. शायद बताने की जरूरत नहीं है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव, आरूषि कांड, मुद्रास्फीति, परमाणु डील, आईपीएल, खाद्य संकट, ईंधन का संकट ऐसे मुद्दे हैं जो लोगों के दिलोदिमाग पर छाए हैं और उनके बारे में आपसे सवाल हो सकते हैं.
 
आईआईएमसी में भविष्य के पत्रकार से यह उम्मीद की जाती है कि आपको कंप्यूटर की जानकारी हो, इंटरनेट का समुचित उपयोग आपको आता हो, आपकी एक ईमेल आईडी हो, और इनके बारे में आप अपनी बातचीत में हल्के से जानकारी दे दें तो शायद आपके बारे में अच्छा प्रभाव होगा. सवाल पूछने वाले की आंखों में झांक कर बात करें और किसी सवाल का जवाब मन में न हो तो नर्वस न हों. कोशिश करें कि आप अपने मुद्दे पर पैनल को बात करने के लिए आकर्षित कर लें. यानी अगर आपसे आपके पसंदीदा विषय के बारे में पूछा जाए तो आप अपने मजबूत विषय की ओर पैनल को ले जाएं. मसलन आपका हाथ अगर आर्थिक पत्रकारिता में तंग है तो आप विनम्रता से कह सकते हैं कि मेरी दिलचस्पी विज्ञान, या खेल अथवा शिक्षा संबंधी विषय में रही है.
 
बहुत सम्भावना इस बात की है कि किसी मुद्दे पर वहां बहस छिड़ जाए. बहस में आपके सामने जो बैठे हैं उन्होंने हारना नहीं सीखा. कोशिश करिये कि आप मैजोरिटी व्यू के साथ खड़े  दिखाई दें. अपनी बात को हठ के साथ रखने के बजाए तर्क और तथ्य के साथ पेश करें. हिंदी पत्रकारिता में आना चाहते हैं इसके लिए यह जरूरी नहीं कि आपको खांटी हिंदी में ही बात करनी है. बोलचाल की भाषा में बात करें. बीच-बीच में अंग्रेजी के वाक्य भी टपक जाएं तो कोई बुराई नहीं है. बात सरल, सहज और ठोस होनी चाहिये.
 
अक्सर यह सवाल सामने आता है कि आप पत्रकार क्यों बनना चाहते हैं? और इसका खराब जवाब जो अक्सर छात्र देते हैं वह होता है "मैं समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं. मैं इस देश को बदलना चाहता हूं. देश की सेवा करना चाहता हूं. पत्रकारिता मेरा मिशन है. वगैरह.'' इस जवाब से पैनल में बैठा कोई व्यक्ति प्रभावित नहीं होने वाला- तय मान लीजिये.
 
किसी भी और पेशे की तरह आप इस पेशे से जुड़ना चाहते हैं, इसे रोजी-रोटी का जरिया मानते हैं और दूसरे पेशे की तरह उससे जुड़े कामों से ही देश के लिए कुछ कर गुजरेंगे. मीडिया में सम्भावनाएं हैं और इन सम्भावनाओं का लाभ उठाने के लिए ही तो आप पत्रकार बनने आए हैं. यह बात साफ-साफ कहने में बुराई क्या है. लेकिन यह कहने से बचें कि मीडिया में ग्लैमर है, शोहरत है, इसलिए मैं पत्रकार बनने की इच्छा रखता/ रखती हूं.
 
आंख-कान खुले रखिये, अपने समय के साथ घट रही घटनाओं से सरोकार रखिये.  आप सजग रहते हैं और यही सजगता इंटरव्यू में दिखायी दे जाए तो आप आईआईएमसी के छात्र आसानी से बन सकते हैं. तो बस, अपना नाम पुकारे जाने पर मुस्कुराहट के साथ दरवाजा खोलिये, और आत्मीय अंदाज में कहिये- मे आई कम इन सर/ मैडम!  और विश्वास के साथ यह कहते हुए बाहर आईये- आई विल वेट फॉर यॉर कॉल सर.
 
 
 
 
मुकेश कौशिक
विशेष संवाददाता, वार्ता

2 comments:

Unknown said...

sir, apka dwara di gai jankari kafi
mahatbpuran rahi .. hamare liya zarur kam ayegi..

Unknown said...

sir, apka dwara di gai jankari kafi
mahatbpuran rahi .. hamare liya zarur kam ayegi..