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Tuesday, May 14, 2013

सृजनात्मक और सटीक लेखन है सफलता का मंत्र

चेतना भाटिया हिन्दी पत्रकारिता विभाग के 2008-09 बैच की टॉपर रही हैं. फिलहाल दिल्ली के गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में असिस्टैंट प्रोफेसर हैं.
आईआईएमसी के लिए तैयारी कर रहे हैं? खूब अखबार और पत्रिकाएं पढ़ रहे हैं? सोशल मीडिया से भी तैयारी कर रहे हैं? खबरिया चैनलों से चिपके हुए हैं?

ज़ाहिर है देश में पत्रकारिता के प्रीमियर संस्थान के लिए तैयारी भी तो प्रीमियर ही होनी चाहिए. अगर आप सोच रहे हैं कि इस परीक्षा में ज़बरदस्त प्रतिस्पर्धा होगी, तो बिलकुल सही सोच रहे हैं. जितनी कड़ी प्रतिस्पर्धा लिखित परीक्षा में होती है, उससे कहीं अधिक इंटरव्यू में. दरअसल , इस परीक्षा के लिए जितना ज़रूरी देश-विदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की नब्ज़ पकड़ना है, उतना ही महत्वपूर्ण है कि आप क्या पढ़ रहे हैं, कहां से पढ़ रहे हैं और कैसे पढ़ रहे हैं. अपनी मेहनत को सही दिशा देने के लिए विभिन्न घटनाओं और खबरों पर खुद की एक ‘सोच’ ज़रूरी है. जी, खूब पढ़िये, विश्लेषण करिए लेकिन एक ही घटना या खबर पर अलग-अलग स्रोतों से जानकारी लीजिये, उस पर अलग-अलग विचारों को जानिए, समझिए और फिर अपना एक ‘मत’ बनाइये, जिसका मजबूत तार्किक आधार हो.

ये तर्क आपको न केवल लिखित परीक्षा में टिप्पणी लिखने में सहायक होंगे बल्कि इंटरव्यू में भी आप अपनी बात को मजबूती से रख पाएंगे क्योंकि आपको अंदाज़ा होगा कि परस्पर विपरीत विचार रखने वाला व्यक्ति क्या तर्क देगा. आपकी विचारधारा चाहे कोई भी हो, अगर आप अपनी बात पर स्टेंड लेकर उसे तर्क के आधार पर डिफेंड कर सकते हैं तो रास्ता कोई मुश्किल नहीं है. इसके साथ-साथ अगर आपको लेखन से प्रेम है और आंख-नाक-कान सब खुले रखते हैं तो आप कई कैंडिडेट्स से बेहतर स्थिति में हैं.

अगर हिन्दी पत्रकारिता की परीक्षा दे रहे हैं, तो हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी की आधारभूत समझ अनुवाद और रिपोर्ट लेखन में सहायक होगी. खासतौर से अनुवाद करते समय सामग्री को जिस भाषा में अनुवादित कर रहे हैं, उसकी वर्तनी का ध्यान रखना आवश्यक है. साथ ही, कोशिश रहे कि अनुवाद शब्द दर शब्द करने के बजाए भाव के आधार पर करें. एक बार पूरी सामग्री पढ़कर उसका भावार्थ समझने के बाद ही अनुवाद करने पर आप सटीक और स्पष्ट लिख पाएंगे. पिछले प्रश्नपत्रों पर एक बार नज़र दौड़ा लें और जो भी कह-लिख रहे हैं, उस पर कायम रहने के लिए खुद को तैयार करें.

जहां जामिया मिल्लिया की स्नातकोत्तर के लिए प्रवेश परीक्षा विजुयल विश्लेषण पर ज़ोर देती है वहीं आईआईएमसी की परीक्षा सामान्य ज्ञान के प्रश्नों से आगे सृजनात्मक और सटीक लेखन की मांग करती है. साथ ही आपकी अपने आसपास के वातावरण की ओब्जर्वेशन और उसकी पूरी तरह अभिव्यक्ति आवश्यक है. तो खूब तैयारी करिए. उम्मीद है कि आपसे कैंपस में ज़रूर मुलाक़ात होगी.

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