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Monday, May 6, 2013

मुद्दों की गहराई में उतरें, अपनी समझ विकसित करें

केंद्रीय विद्यालय, मेरठ से 12वीं करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में स्नातक और 2011-12 में आईआईएमसी पहुंची नेहा झा अपने सत्र की टॉपर हैं. एक साल तक हिन्दुस्तान, पटना में क्राइम रिपोर्टिंग करने के बाद अब हिन्दुस्तान, दिल्ली के लिए काम कर रही हैं.
पत्रकार बनने की चाह रखने वाले लोगों से उम्मीद की जाती है की उन्हें हर विषय की जानकारी हो. जरुरी नहीं की आपको हर विषय पर बोलने और लिखने में महारत हासिल हो लेकिन इतनी जानकारी हो कि आप उस विषय पर किसी से बातचीत कर सकें. किसी खास विषय पर आपकी पकड़ मजबूत हो और बाकी की थोड़ी-थोड़ी जानकारी भी हो तो काफी है. प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए कोई खून-पसीना बहाना जरुरी नहीं है और न किसी कोचिंग की जरुरत है और न ही किसी विशेषज्ञ की राय की. आसपास मौजूद मुद्दों में आपकी दिलचस्पी हो और उन पर सोचने का सामर्थ्य. आप मुद्दों पर बहस कर सकते हों या कोई समाधान सुझा सकते हों.

लिखित परीक्षा में पास होने के लिए जरुरी है कि आप हाल-फिलहाल में चर्चा में रहे मुद्दों और विषयों से लगातार जुड़े रहे हों. आपका लेखन कौशल अच्छा हो ताकि अपने विचार को कागज पर कम समय में  उतारने में आप सहज हों. दिए गए विषय पर उतना ही लिखें जितना परीक्षक को प्रभावित करने के लिए काफी हो. अपना सार ज्ञान उड़ेल देने की गलती न करें. समय और शब्द सीमा का ध्यान रखें. एक बार चयन हो जाए तो कक्षा में इसके लिए आपको काफी समय मिलेगा. हर विषय पर अच्छी समझ बनाने के लिए जरुरी है की आप पत्रिकाओं, सम्पादकीय, ब्लॉग और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के संपर्क में रहें. इन जगहों से आपको एक ही विषय पर कई नजरिया मिल जायेंगे.

पत्रकारिता का शौक और जुनून रखने वाले लोग ये काम जरूर करते होंगे इसलिए इसमें कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. हां हिंदी पत्रकार बनने आये लोगों का हाथ अगर अंग्रेजी में तंग है तो यहां उन्हें थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. कुछ दिनों तक हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद करने की आदत डाल लें. लेखन शैली मजबूत करें. वर्तनी शुद्ध करें. अंग्रेजी से गुरेज न रखें. भाषा पर अपनी पकड़ मजबूत बनाएं और सबसे अहम बात, तनाव को परे रखकर ये सब काम करें.

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