Click here for Myspace Layouts

Tuesday, June 24, 2014

देश-दुनिया ही नहीं अपने इलाके को भी जान लें

आशीष भारद्वाज हिन्दी पत्रकारिता विभाग के 2010-11 बैच के छात्र रहे हैं. कोर्स खत्म करने के बाद आईआईएमसी में ही एकेडमिक असिस्टैंट और फिर रिसर्च एसोसिएट के बतौर काम किया. आजकल इंडिया न्यूज के वेब हेड हैं.


सबसे पहले तो आपको बधाई.

आप आईआईएमसी के इंट्रेंस में सफलता दर्ज़ करके 85 फीसदी सफ़र तय कर चुके हैं और अगले 15 फीसदी की तैयारी में जुटे होंगे. ज़ाहिर सी बात है कि इंटरव्यू का ज़िक्र आते ही आप सोचते होंगे कि पता नहीं क्या पूछ दिया जाय. मेरे ख़याल से ये सोचना आपका काम नहीं है. आपका काम है कि ख़बरों के संसार में हो रही हलचल पर करीब से नज़र बनाएं रखें और उसे अपनी समझदारी में पैबस्त करें.

आपका काम है उस शिद्दत को कायम रखना जिसकी वजह से आप पत्रकार बनना चाहते हैं. आपका काम है मसलों को पूरी संवेदना और वैज्ञानिक चेतना के साथ ना सिर्फ समझना बल्कि उसे बेहतरीन तरीके से पेश भी करना. यही तो आप करना चाहते हैं. आखिरकार इन्हीं ख्वाहिशों ने तो आपको एक मीडियाकर्मी बनने की तरफ खींचा है.

नीचे कुछ ऐसे ही सलाह हैं जो आजकल आम तौर पर आपके दिमाग में तैर रहे होंगे. इन्हें अमल में लाने से सिर्फ आईआईएमसी ही नहीं बल्कि अन्य किसी भी इंटरव्यू में आपको मदद मिलेगी.

सहज रहें. विनम्रता से पेश आयें
ये सबसे पहली जरूरत है. इंटरव्यू एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया भी है जिसमें आपके आत्मविश्वास, कठिन हालातों में आपके व्यावहारिक ज्ञान और आपके अब तक की उपलब्धियों का जायजा लिया जाता है. आत्ममुग्धता की हलकी सी झलक भी इस शुरुआत का नुकसान कर सकती है.

पूछे जा रहे सवालों को ध्यान से सुनें
अगर सवाल समझ में ना आये तो आप एक दोबारा सवाल सुनने की इच्छा जाहिर कर सकते हैं. पूछने वाले न तो बुरा मानेंगे और न ही आप गलत सवाल के गलत जवाब की तरफ बढ़ेंगे. ऐसा करना पैनल की तौहीन नहीं है.

अपनी बात साफ़गोई से रखें
सवाल खत्म होते ही जवाब देने का उतावलापन न दिखाएं. सवाल खत्म होने के बाद न खलने वाला छोटा सा पॉज लें और अपने संभावित जवाब को फ्रेम कर लें. मौक़ा मिलने पर जवाब को विस्तार में भी ले जा सकते हैं. पैनल ये कहे कि हो गया तो एक हल्की सी मुस्कान के साथ जवाब ख़त्म करें.

आप पत्रकारिता क्यों करना चाहते हैं
इस सवाल का जवाब पहले से सोच-विचार लें. ऐसे प्रश्न आम तौर पर पूछे ही जाते हैं. जवाब में नकलीपन ना हो. आदर्शों के अतिरेक की बजाय व्यावहारिक उत्तर गहरा असर छोड़ते हैं.

नहीं आता तो नहीं आता
जवाब ना मालूम होने की हालत में यही कहना ठीक रहता है कि इस मसले पर आप नहीं जानते. लफ्फाजी इंटरव्यू की राह का सबसे बड़ा रोड़ा है. मसले को ना जानने की बात कहते हुए भी चेहरे पर हीनताबोध ना आने दें.

आपका ग्रैजुएशन, आपका घर, आपका परिवार, आपका राज्य
आपने जिस विषय से पढ़ाई की है, पैनल उससे जुड़े सवाल भी पूछते हैं. मतलब आपने फिजिक्स से ऑनर्स किया है तो फिजिक्स नहीं पूछेंगे लेकिन ये जरूर पूछ लेंगे कि साइंस से जर्नलिज्म में जंप क्यों मार रहे हो. ये भी पूछ ले सकते हैं कि न्यूटन ने क्या सिद्धांत दिए थे. या फिजिक्स का नोबेल इस बार किसे मिला. ये काल्पनिक स्थिति है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ग्रैजुएशन में आपने क्या पढ़ा है. आपके राज्य, आपके जिले, आपके इलाके के बारे में सवाल पूछा ही जा सकता है. आपके इलाके की राजनीति, आपके इलाके का समाज, इलाके के उद्योग या ऐसी कोई खास बात जो चर्चित हो, पूछी जा सकती है.

सोशल मीडिया पर क्या सोचते हैं
ख़ास तौर पर ध्यान रहे कि केवल टीवी या अखबार ही मीडिया नहीं है. सोशल मीडिया की बढ़त पर तवज्जो दें. सोशल मीडिया की कमी-कमजोरियों, चुनौतियों और संभावनाओं पर अपनी राय बना लें.

ईमानदार जवाब
अंतिम बात यह कि आपकी ईमानदारी जवाबों में दिख जाती है. तो आपके जवाबों में यह दिखे कि आप सच में इस पेशे को जीना, जानना और समझना चाहते हैं.

इस लिस्ट को तब तक बढाया जा सकता है जब तक इंटरव्यू ही न खत्म हो जाए. सामान्य तौर पर ये काफी है. आपको एक अच्छे-खासे इम्तहान के बाद इंटरव्यू का मौका मिला है. आप इसका कितना बेहतरीन इस्तेमाल कर सकते हैं, ये पूरी तरह से आपके ऊपर है. तो इस मौके को बेजा ना जाने दें और अपनी पूरी ताकत से इसे एक सुंदर सी याद में बदल दें.

फिर से बधाई और शुभकामनाएं.

4 comments:

Unknown said...

inspirational and very use full....thnxx for sharing your words your exp. thnxx

Unknown said...

vry inspirational and realy vry use full words...thnxx for sharing your valuable exp. with us. thnxxx

Unknown said...

Thnk you So much....it will help us lot
Priya d

योगेश कुमार 'शीतल' said...

Complete dose. Thanks Ashish on behalf of all applicants who got points from your words.

Y K Sheetal.